रोहित पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Rohit Pawar RSS Allegation: महाराष्ट्र में सरकारी विश्वविद्यालयों की गिरती गुणवत्ता को लेकर एनसीपी (एसपी) के विधायक रोहित पवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। मंगलवार को उन्होंने कहा कि राज्य के कई सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बढ़ते प्रभाव के कारण शिक्षा की गुणवत्ता घट रही है, जिसका सीधा असर युवाओं के भविष्य पर पड़ेगा।
अहिल्यानगर जिले के कर्जत-जामखेड विधानसभा क्षेत्र के विधायक रोहित पवार ने नागपुर के विधानभवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी के संसद में दिए गए बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के कई सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति और वरिष्ठ अधिकारियों की पृष्ठभूमि की जांच करने पर आरएसएस से जुड़े होने के संकेत मिलते हैं।
रोहित पवार ने आरोप लगाया कि पुणे विश्वविद्यालय सहित कई सरकारी विश्वविद्यालयों में जो अधिकारी हैं, उनकी पृष्ठभूमि देखिए। वे आरएसएस से जुड़े हुए हैं या उसी विचारधारा को मानते हैं। वहां वह गुणवत्ता नहीं है जो विश्वविद्यालयों में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन विश्वविद्यालयों में ज्यादातर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे शिक्षा प्राप्त करने आते हैं, क्योंकि वे निजी संस्थानों की महंगी फीस वहन नहीं कर सकते। ऐसे में सरकारी विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता गिरने का सीधा असर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर पड़ रहा है।
रोहित पवार ने आगे कहा कि यह प्रवृत्ति केवल पुणे तक सीमित नहीं है बल्कि राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में भी यही स्थिति देखी जा रही है। राहुल गांधी जो कह रहे हैं वह पूरी तरह सही है। कई विश्वविद्यालयों में आरएसएस का प्रभाव बढ़ता दिख रहा है, और इससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
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जब उनसे पूछा गया कि क्या यह किसी बड़े एजेंडे का हिस्सा है, तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि हां, सौ प्रतिशत। केंद्र और राज्य सरकारें वित्तीय सहायता प्रदान कर रही हैं, और उसी माध्यम से आरएसएस के स्वयंसेवकों को विश्वविद्यालयों में विभिन्न पदों पर रखा जा रहा है। उनका उद्देश्य केवल आरएसएस या भाजपा के एजेंडे को लोगों तक पहुंचाना है। यह सरकारी धन का दुरुपयोग है।
शरद पवार की पार्टी के विधायक राेहित पवार ने चेतावनी दी कि यदि स्थिति ऐसी ही जारी रही तो दुनिया तेजी से आगे बढ़ती जाएगी और भारत शिक्षा के क्षेत्र में पीछे रह जाएगा।