दीक्षाभूमि (फाइल फोटो)
DeekshaBhoomi: दीक्षाभूमि में अन्य कार्य शुरू करने के बार-बार अनुरोध के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई काम शुरू नहीं किया गया है। नतीजतन इस वर्ष का धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस अधर में लटका हुआ है। केवल 22 दिन दूर प्रवर्तन दिवस का आम्बेडकर के अनुयायियों को बेसब्री से इंतजार है। हालांकि प्रशासन की अनिच्छा और स्मारक समिति के पक्षपात के कारण विश्व प्रसिद्ध दीक्षाभूमि वीरान पड़ी हुई है।
विशेषत: 1 जुलाई 2024 को भूमिगत पार्किंग को लेकर जनाक्रोश भड़क उठा था। उसके बाद प्रशासन ने इस क्षेत्र पर ध्यान देना बंद कर दिया। सरकार द्वारा धन उपलब्ध कराने के बहाने प्रन्यास को नोडल एजेंसी बनाकर सौंदर्यीकरण का काम शुरू तो किया गया किंतु यह गति से नहीं हो रहा था।
जानकारों की मानें तो करोड़ों अनुयायियों के सम्मान और ऊर्जा का यह स्थान सरकारी लचर कार्यप्रणाली के कारण उपेक्षित है। अब अनुयायी सरकार से काम शुरू करने के बाद उसे पूरा न करने पर नाराज हैं। ठेकेदार द्वारा सुरक्षात्मक दीवार, मंच, बेसमेंट पार्किंग के कार्य शुरू किए गए थे जमीन पर 2-2 फीट ऊंची घास उग आई है। चूंकि प्रन्यास नोडल एजेंसी है, इसलिए स्मारक समिति इस काम में ज्यादा दखल नहीं देती।
फिर भी समय-समय पर अनुयायी ज्ञापन देकर सरकार को याद दिलाते रहते हैं लेकिन कोई काम न होने और अगले 20 दिनों में भी इन कामों के होने की कोई संभावना न होने के कारण अनुयायियों में गहरा रोष है। सौंदर्यीकरण के नाम पर काम में तेजी नहीं लाई जा रही है। अन्य कामों को शुरू करने की बार-बार मांग के बावजूद उन्हें शुरू नहीं किया जा रहा है। विभिन्न संगठन इस बात पर रोष व्यक्त कर रहे हैं कि अगर सरकार पैसे देने के नाम पर ऐसा कर रही है तो अनुयायी पैसे इकट्ठा करके सौंदर्यीकरण परियोजना को पूरा कर सकते हैं।
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चारों प्रवेशद्वार, 4 तोरणद्वार, स्तूप के चारों ओर पत्थरों का घेरा, स्तूप के चारों ओर पत्थरों का रास्ता, स्तूप के चारों ओर पालकी, 2 मुख्य प्रवेशद्वार, अशोक स्तंभ, व्याख्यान केंद्र, खुला सभागार, शौचालय, पानी की टंकी, वॉच टॉवर आदि का जीर्णोद्धार।