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पारशिवनी MIDC को कब मिलेगा जीवनदान? बेरोजगारी से बढ़ रही अपराधिक गतिविधियां

Parshivni MIDC News: राजनीतिक एवं भौगोलिक दृष्टिकोण से तहसील का अपना महत्व रहा है। परंतु अन्य तहसीलों की तरह पारशिवनी का वैसा समुचित विकास नहीं हो पाया। जिसकी वह हकदार थी।

  • By प्रिया जैस
Updated On: Aug 04, 2025 | 11:47 AM

पारशिवनी एमआयडीसी (सौजन्य-नवभारत)

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Parshivni MIDC News: पारशिवनी एमआयडीसी क्षेत्र में बेरोजगारी अपना मुंह सुरसा की तरह फाड़ रही है। परंतु आज तक किसी भी राजनीतिक, सामाजिक या अन्य किसी संगठन ने कभी बेरोजगारों के लिए कोई जन आंदोलन नहीं किया है। शायद यही कारण है कि इस तहसील की गिनती सबसे पिछड़ी तहसीलों में की जाती है।

रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रवेश द्वार मानी जाने वाली पारशिवनी तहसील जो की राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। रामटेक विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पारशिवनी तहसील की एमआयडीसी जहां अपनी दशा पर आंसु बहा रही है, वहीं पर पिछले 30 वर्षों से क्षेत्र में एक भी बड़ा सरकारी एवं निजी उपक्रम नहीं आने के कारण जहां क्षेत्र में बेरोजगारी अपने चरम पर है वहीं पर क्षेत्र के युवाओं की सुबह एवं शाम पानठेले से लेकर चाय की टपरी पर होती है।

बंद हो गई कंपनियां

इस संदर्भ में ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कांग्रेस के सांसद एवं पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव के कार्यकाल में जहां डुमरी में सोयाबीन का प्लांट लगाने के कारण सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला, वहीं पर कन्हान में स्थित खंडेलवाल टूयब मिल, खंडेलवाल मॅगनीज, हिंदुस्तान लिवर, कामठी कालरी कोयला खदान, सुंदरम पेपर मिल से लेकर कई कंपनियां राजनीतिक गुटबाजी के चलते बंद हो गई।

किसी समय अन्य राज्य के नागरिकों को रोजगार देने वाला कन्हान खुद बेरोजगार हो गया। समय परिवर्तन के साथ कांग्रेस से 1991 में तेजसिंहराव भोसले, 1996 में दत्ता मेघे, 1998 में रानी चित्रलेखा भोसले के चुनकर आने के बाद से लेकर 1999 में क्षेत्र से पहली बार शिवसेना के सुबोध मोहित रामटेक के सांसद बने, जिनके द्वारा मौदा में एनटीपीसी का प्लांट लगाया गया, जो कि वर्तमान में उर्जा उत्पादन में अहम भूमिका निभा रहा हैं।

रामटेक विधानसभा क्षेत्र में कुछ नहीं किया

इस क्रम में शिवसेना के सुबोध मोहिते द्वारा त्यागपत्र देने के कारण कन्हान निवासी प्रकाश जाधव उपचुनाव में ढाई साल के लिए चुनकर गए, परंतु इनके द्वारा भी तहसील के बेरोजगारों को लेकर कुछ भी नहीं किया गया। इस क्रम में 2009 में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक के द्वारा शिवसेना-भाजपा समर्थित कृपाल तुमाने को हराकर कन्हान के लिए लगभग 48 करोड़ का कन्हान पुल सौगात में दे दिया। परंतु वासनिक द्वारा दिया गया पुल लगभग 9 साल बाद बनकर तैयार हुआ।

जिसे नागरिकों द्वारा गोसीखुर्द प्रकल्प के रूप में संबोधित किया जाने लगा था। वासनिक द्वारा भी बेरोजगारों को लेकर रामटेक विधानसभा क्षेत्र में कुछ विशेष नहीं किया गया। रामटेक लोकसभा चुनाव 2014 में जहां कृपाल तुमाने ने वासनिक को हरा दिया, वहीं पर कृपाल तुमाने का पहला कार्यकाल जहां निष्क्रिय रहा, वहीं पर दूसरे कार्यकाल में भी तुमाने द्वारा कन्हान का एक अदना सा पुल का कार्य ही पूरा करवा पाए, तो बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर पूर्ण करवाने की प्रक्रिया पर चर्चा करना बेकार सिद्ध होगा।

पारशिवनी तहसील का आज तक का इतिहास रहा है कि राजनीतिक, धार्मिक, शैक्षणिक आंदोलन तो बहुत हुए है परंतु आज तक कभी क्षेत्र में बेरोजगारों को लेकर कोई आंदोलन नहीं हुए है। शायद इसीलिए पारशिवनी सिर्फ तहसील बनकर रह गई हैं।

मृत्यप्राय हो चुकी एमआयडीसी

कांग्रेस शासन काल में स्थापित पारशिवनी एमआयडीसी जो कि लगभग मृत्यप्राय हो चुकी हैं। कंपनियों के लिए आवंटित की गई खाली पड़ी जमीन नागरिकों सहित युवाओं को मुंह चिढ़ा रही है। ज्ञात हो कि क्षेत्र में कांग्रेस, भाजपा, एनसीपी, शिवसेना, बसपा, सपा सहित सामाजिक संगठनों द्वारा राजनीतिक शक्ति दिखाने के लिए तो हजारों आंदोलन होते है, परंतु आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि को बेरोजगारी को लेकर आंदोलन करते हुए कन्हान सहित पारशिवनी के युवाओं ने नहीं देखा है।

यह भी पढ़ें – Shibu Soren: जब शिबू सोरेन ने महाराष्ट्र से लिया पंगा, नेताओं को किया था चैलेंज

यहीं कारण है कि पारशिवनी क्षेत्र से शहरी क्षेत्र के लिए पलायन शुरू है। जिसके कारण अन्य तहसीलों की आबादी सतत बढ़ती जा रही है। वहीं पर पारशिवनी तहसील की आबादी सतत घटती जा रही है। जो की क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है।

बेरोजगारी से बढ़ती अपराधिक गतिविधियां

कन्हान सहित पारशिवनी तहसील में जहां रोजगार की समस्या कायम हैं,वहीं पर युवाओं में अपराध में भागीदारी बढ़ती जा रही है। इस संदर्भ में ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि कामठी एवं पारशिवनी न्यायालय में चलने वाले अपराधिक मामलों में आरोपी के रूप में युवा वर्ग की हिस्सेदारी अधिक होती है जो कि चिंता का विषय हैं। क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सक्रिय होना अनिवार्य हो गया हैं।

Parshivni midc dead unemployment increasing criminal activities

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Published On: Aug 04, 2025 | 11:47 AM

Topics:  

  • Congress
  • Nagpur
  • Nagpur News

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