
पारशिवनी MIDC (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur Winter Session: पारशिवनी तहसील का औद्योगिक विकास कागजों पर तो चमकदार दिखता है, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल विपरीत है। एक ही विधानसभा क्षेत्र में विकास के दोहरे मापदंड साफ नजर आने लगे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में आदानी व अंबानी समूह के साथ 1.08 लाख करोड़ रुपये के निवेश करार पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसके तहत नागपुर जिले के कलमेश्वर और काटोल में बड़े औद्योगिक प्रकल्प स्थापित होने जा रहे हैं। वहीं, टाटा समूह भी 115 करोड़ रुपये की लागत से रामटेक में कौशल विकास केंद्र खोलने जा रहा है। इन प्रकल्पों से तीनों तहसीलों के युवाओं को व्यापक रोजगार मिलेगा। लेकिन, पारशिवनी तहसील आज भी केवल अपनी जर्जर एमआयडीसी को देखकर विकास के सपने पर आंसू बहा रही है।
पारशिवनी, कन्हान, टेकाड़ी कोयला खदान, कांद्री, सिहोरा समेत कई क्षेत्रों में कभी एमआयडीसी की बड़ी जमीन हुआ करती थी। पारशिवनी एमआयडीसी को छोड़कर बाकी कई क्षेत्रों की जमीन अतिक्रमण के चलते लगभग लुप्त हो चुकी है। कई मामले न्यायालय में भी लंबित हैं। क्षेत्रीय अधिकारी निशांत गिरी के अनुसार, अतिक्रमित या विवादित भूमि की मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जो फिलहाल लंबित है।
1989 में स्थापितपारशिवनी एमआयडीसी क्षेत्र में कुल 12 हेक्टेयर में से 8।19 हेक्टेयर जमीन उद्योगपतियों को आवंटित की गई थी। विभाग द्वारा 40 भूखंड तैयार किए गए और सभी आवंटित भी कर दिए गए।
नयाकुंड व आमडी ग्राम पंचायत क्षेत्र के 36 किसानों, नयाकुंड के 74 किसानों और चिंचभुवन के 39 किसानों की जमीन अधिग्रहित कर नई एमआयडीसी स्थापित करने की घोषणा तत्कालीन विधायक व वर्तमान राज्य मंत्री आशीष जायसवाल ने की थी। 18 दिसंबर 2023 को अधिसूचना भी जारी हुई, लेकिन उसके बाद से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे नागरिकों में शंका बढ़ती जा रही है कि यह घोषणा सिर्फ चुनावी लाभ के लिए तो नहीं थी। चुनाव में भारी जीत और मंत्रीमंडल में स्थान पाने के बाद भी एमआयडीसी का सपना अधूरा ही है।
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इसी प्रकार कन्हान में महिला एमआयडीसी खोलने की घोषणा भी की गई थी। तत्कालीन उद्योग मंत्री उदय सावंत और राज्य मंत्री जायसवाल ने एक प्रेस वार्ता में इसका उल्लेख भी किया था। लेकिन यह भी केवल कागजों में दर्ज रह गई है।
वर्तमान शीतकालीन अधिवेशन में उद्योग मंत्री और राज्यमंत्री यदि सकारात्मक रुख अपनाएं, तो पारशिवनी में बंद पड़ी एमआयडीसी में नई कंपनियां लाने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में सार्थक कदम उठाए जा सकते हैं। पारशिवनी तहसील के युवाओं को अब भी उम्मीद है कि विकास केवल घोषणाओं तक सीमित न रहे, बल्कि जमीनी हकीकत में भी दिखाई दे।






