
MLA हॉस्टल (सौजन्य-नवभारत)
Maharashtra Assembly Winter Session: उपराजधानी में विधानमंडल का शीत सत्र का प्रारंभ हो चुका है। नेताओं के आने से एमएलए हॉस्टल के कैंटीन से उनके लिए बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों ने पूरे हॉस्टल को खुशबूमय कर दिया है। कैंटीन में विधायकों व नेताओं की पसंद के अलग-अलग व्यंजन तैयार किये जा रहे हैं।
यहां नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं के लिए महाराष्ट्रीयन, साउथ इंडियन, झुनका-भाकर, भर्ता, सावजी, वेज-नॉनवेज हर तरह के स्वादिष्ट व्यंजन तैयार हो रहे हैं। इसके साथ ही नेताओं को कोलकाता के गुड़ के साथ ड्राईफ्रूट्स वाला मसाला रसगुल्ला बहुत पसंद आ रहा है। सुबह 6 बजे से ही कैंटीन खुलते साथ ही यहां का परिसर खुशबूमय हो जाता है जो कि रात को 12 बजे तक वैसा ही रहता है।
कैंटीन के संचालक तपन डे ने बताया कि कैंटीन रोज सुबह 6 बजे खुल जाता है, जो सुबह के नाश्ते के साथ शुरू होकर रात को 12 बजे के बाद खाने के साथ ही बंद होता है। 12 बजे के बाद भी किसी विधायक या नेता को खाने का ऑर्डर देते हैं, उनके लिए तैयार किया जाता है। रात के खाने में स्पेशल डिश के रूप में झुनका-भाकर और बैंगन का भर्ता रहता है।
सोमवार को अधिवेशन का पहला दिन होने के चलते थोड़ी भीड़ कम थी लेकिन मंगलवार को भीड़ बढ़ी। नेताओं व अन्य आने वाले लोग सबसे ज्यादा महाराष्ट्रीयन खाना पसंद करते हैं। इसमें बैंगन भर्ता, मेथी की सब्जी, बैंगन मसाला, झुनका-भाकर, चावल, दाल फ्राई, साधी रोटी व मीठे में रसगुल्ला व हलुआ दिया जाता है।
कैंटीन की शुरुआत सुबह के नाश्ते से होती है। नाश्ते में दोसा, इडली, उत्तपम, ब्रेड बटर, सांबर वाड़ा, चाय और काफी मिलती है। उपवास के लिए साबूदाने की खिचड़ी की भी व्यवस्था रहती है। इसके बाद खाना एवं दोपहर 3 से 6 बजे तक फिर नाश्ते में पावभाजी, छोला भटूरा, दही समोसा, आलू टिकिया, कचौरी का इंतजाम किया गया है। इसके साथ ही शाम के समय ठंड को देखते हुए गरमा-गरम मसाला दूध रहता है।
एमएलए हॉस्टल की कैंटीन में मटन बिरयानी, फिश करी और अंडा करी भी है। वहीं यहां के महाराष्ट्रीयन व्यंजनों को बाहर से आने वाले नेताओं द्वारा बहुत अधिक पसंद किया जाता है। इसमें झुनका-भाकर और बैंगन का भर्ता उनके फेवरेट व्यंजनों में से एक होता है।
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यहां फुल्की रोटी बनाने के लिए स्पेशली 30 लोगों की टीम सिवनी से आती है। साथ ही झुनका-भाकर के लिए विशेष रूप से काटोल के पास के एक गांव से महिलाएं बुलाई गई हैं। कम समय में ज्यादा से ज्यादा फुल्के तैयार करते हैं।
अधिवेशन के समय रोज 3,000 से 3,500 लोगों का खाना बनाया जाता है। अधिवेशन के लिए यहां पर लगभग 200-250 कर्मचारी कार्यरत रहते हैं जिनमें से 30 लोग सिर्फ खाना बनाने का कार्य करते हैं। 300 से 400 किलो से अधिक सब्जियां व 50 किलो फिश, 2,000 अंडे, 80 किलो मटन, 100 किलो चिकन रोज आ रहा है।






