‘ऑरेंज सिटी लिटरेचर फेस्टिवल’ (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: ऑरेंज सिटी लिटरेचर फेस्टिवल-2025 का तीसरा और अंतिम दिन बेहद उत्साह के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में आयोजित विविध सत्रों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नेतृत्व के सबक, स्वास्थ्य मार्गदर्शन, सिनेमा पर चर्चा और पौराणिक कथाओं जैसे विषयों पर संवाद ने हर आयु वर्ग के प्रतिभागियों को आकर्षित किया।
अपने सत्र ‘द ग्रैफीन माइंडसेट’ में लेफ्टिनेंट कर्नल (डॉ.) संजीव मलिक ने बताया कि दबाव को शक्ति और लचीलेपन को सामर्थ्य में कैसे बदला जा सकता है। अपनी साधारण शुरुआत और जीवन यात्रा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि “मैंने कभी नहीं सोचा था कि लेखक बनूंगा या इतना कुछ हासिल कर पाऊंगा। मेहनत और लगन से सब कुछ संभव है। लचीलापन और अनुकूलन क्षमता ही हर परिस्थिति में सफलता की कुंजी है।”
टाटा प्ले के एमडी और सीईओ हरित नागपाल ने अपनी पुस्तक ‘एसओ द स्मॉल क्वेश्चन दैट बिल्ड्स बिग लाइव्स’ पर प्रेरक संबोधन दिया। उन्होंने कहा “कभी नकल न करें, कुछ नया रचें। सवाल पूछने का साहस चाहिए, और सवालों से ही सीख मिलती है। टेक्नोलॉजी और एआई मानवीय क्षमताओं को बढ़ाएंगे, रचनात्मकता को नहीं बदल पाएंगे। कुछ नौकरियां समाप्त हो सकती हैं, लेकिन संगठन खत्म नहीं होंगे इसलिए निरंतर नवाचार करते रहें।”
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त डी. सिवानंदन ने मुंबई के अपराध जगत की कुख्यात गैंग्स से कानूनी और निडर तरीके से निपटने की सच्ची घटनाओं ने सभागार को रोमांचित कर दिया।
डॉ. राधाकृष्णन पिल्लै ने प्राचीन ज्ञान को आधुनिक नवाचार से जोड़ते हुए नेतृत्व पर गहन चर्चा की और सतत विकास के लिए कालातीत रणनीतियाँ प्रस्तुत कीं।
प्रसिद्ध कलाकार इला अरुण ने अपने जीवन और आत्मकथा पर आधारित सत्र में बेहद भावुक और हृदयस्पर्शी संवाद किया। निजी स्मृतियाँ साझा करते हुए उन्होंने कहा— “दुनिया की हर औरत एक-सी होती है। मुझे सबसे ज्यादा प्यार नाटक से है — यही मेरा माध्यम है, समाज को आवश्यक संदेश देने का।”
कला, नारीत्व और अभिनय पर उनके विचारों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रख्यात प्राणिक हीलर अरिहंत जैन ने ‘इनर अल्केमी’ सत्र में प्राण ऊर्जा के महत्व को समझाते हुए तनाव कम करने और भीतर से आनंद प्राप्त करने की व्यावहारिक तकनीकों का प्रभावी प्रदर्शन किया।
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डॉ. मनन वोरा ने ‘बट व्हॉट डज साइंस से?’ सत्र में स्वास्थ्य से जुड़े सामान्य मिथकों को वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर सटीक रूप से खंडित किया। कार्यक्रम का समापन ‘रेट्रो टू मेट्रो’ नामक संगीतमय प्रस्तुति से हुआ, जिसमें बॉलीवुड के स्वर्णिम सफर का जश्न मनाया गया। दर्शकों ने संगीत के साथ यादगार शाम का आनंद लिया।