देवेंद्र फडणवीस ने मेयो का दौरा किया (सौजन्य-एक्स)
नागपुर: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि सिटी के इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) और शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) पुराने मेडिकल कॉलेज हैं। एक दौर था जब मेडिकल एशिया महाद्वीप में सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज था। दोनों ही कालेजों की इमारतें काफी पुरानी हो गई हैं।
इसी वजह से पिछले दिनों दोनों हजार करोड़ रुपये देकर आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में शरुआत की गई। उन्होंने मेडिकल में मीडिया से चर्चा में बताया कि कार्यों की समीक्षा की गई। काम तो शुरू है लेकिन उन्हें गति देने की जरूरत है। इसमें छोटी-बड़ी त्रुटियों को दूर करने की आवश्यकता है। निधि की कमी नहीं होने दी जाएगी।
निर्धारित समय पर सभी काम और अच्छी क्वालिटी के होने चाहिए। क्वालिटी के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। दोनों मेडिकल कॉलेजों को निजी अस्पतालों की तुलना में दर्जेदार बनाने का प्रयास है। मौजूदा कार्यों की गति बढ़ाने के निर्देश दिये गये हैं। इसके बाद अप्रैल में एक बार फिर से कार्यों की समीक्षा की जाएगी।
मविआ के विधायकों के फूटने की कगार पर पहुंचने और स्थानीय निकायों में अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला करने के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा कि यह हमारी चिंता नहीं है कि उन्हें एक साथ लड़ना चाहिए या साथ रहना चाहिए या टूट जाना चाहिए। हमारा प्रयास महाराष्ट्र को प्रगति की ओर ले जाना है।
उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि आगामी सभी चुनावों में जनता का आशीर्वाद हमारे साथ रहेगा। नितेश राणे ने जो कहा उस पर उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। आपने कहा था कि उद्धव ठाकरे मित्र थे और आज राज ठाकरे मित्र हैं। इस पर शिवसेना का आधिकारिक रुख यह है कि फडणवीस यह तय नहीं करेंगे कि कौन कहां जाएगा।
महाराष्ट्र से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
यह कौन-सी विचारधारा है जिसने हमारी पार्टी को विभाजित कर दिया है? इस सवाल पर फडणवीस ने कहा कि उन्होंने अपनी राय व्यक्त की। मैंने अपनी राय व्यक्त की। मैं उनके लिए बाध्य नहीं हूं। वे खाली पीली हैं, हर दिन बयानबाजी करते हैं। मैं इन सब बातों के लिए खाली नहीं हूं।