आदित्य ठाकरे (सौजन्य-IANS)
Maharashtra Legislative Assembly Session: शीतसत्र अधिवेशन के दूसरे दिन मंगलवार को विपक्ष ने किसानों के मुद्दों पर सरकार को घेरा। किसान कर्जमाफी और कपास–सोयाबीन को उचित मूल्य देने की मांग को लेकर विरोधी दलों ने विधान भवन की सीढ़ियों पर जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि यह फडणवीस नहीं बल्कि फसणवीस सरकार है।
विरोधी दलों के नेताओं ने हाथों में बैनर लेकर विधान भवन की सीढ़ियों की ओर मार्च किया। बैनरों पर लिखा था। सोयाबीन को नहीं भाव, सत्ता के लिए महायुति की भागदौड़, फडणवीस कहते तुम्हीं जानों, कर्जदार किसानों को तो देते नहीं, फडणवीस का पैकेज सिर्फ छलावा, वित्त मंत्री की जेब खाली है, पैकेज फडणवीस का फर्जी है।
विपक्ष ने गले में कपास की कलियों की मालाएं पहनकर उन्होंने सरकार तुपाशी, शेतकरी उपाशी (सरकार मलाई खा रही, किसान भूखा मर रहा) जैसे नारे भी लगाए। इस आंदोलन के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक विजय वडेट्टीवार, राकांपा-शरद पवार गुट के प्रदेशाध्यक्ष शशिकांत शिंदे, शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के युवा नेता आदित्य ठाकरे, भास्कर जाधव, सुनील प्रभु, सचिन अहिर, वरुण सरदेसाई, सिद्धार्थ खरात, प्रवीण स्वामी, कांग्रेस के सतेज पाटील और अस्लम शेख आदि नेता उपस्थित थे।
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कांग्रेस के विधायक वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य में रोजाना औसतन 8 किसानों की आत्महत्याएं हो रही हैं। महायुति सरकार किसानों के नाम पर सिर्फ घोषणाएं कर रही है, जबकि इसकी नीति किसान-विरोधी है। कपास आयात करने से कीमतें गिरेगी और किसानों को औने-पौने दामों में फसल व्यापारियों को बेचनी पड़ेगी, जिससे किसान बर्बाद होगा। धान और सोयाबीन को भी उचित भाव नहीं मिल रहा। सोयाबीन को सिर्फ 4,000 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहे हैं। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि यह कैसा समर्थन मूल्य है। सरकार को शर्म आनी चाहिए।