निर्दोष व्यक्तियों पर न हो कार्रवाई। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: नागपुर में हुई हिंसा के मामले में किसी भी निर्दोष व्यक्ति पर कार्रवाई न की जाए, ऐसे स्पष्ट निर्देश महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष (मंत्री दर्जा) प्यारे जिया खान ने पुलिस विभाग को दिए हैं। खान ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में नागपुर हिंसा की घटना को लेकर पुलिस विभाग और जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक की।
इस बैठक में नागपुर के जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर, पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र सिंगल, अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) चेतन देढ़िया, आयोग के सदस्य वसीम बुरहान, अहमद देशमुख, गुलाम रसूल शेख, हुसैन शेख, संजय सुराणा, हैप्पी सिंह समेत पुलिस विभाग और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने इस बैठक में पुलिस विभाग से घटना से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त की। खान ने पुलिस की कार्रवाई पर संतोष जताते हुए कहा कि इस मामले में किसी भी निर्दोष व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, इसकी पूरी सतर्कता बरती जाए। साथ ही, दोषियों के खिलाफ मकोका और एमपीडीए के तहत मामले दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। खान ने जिला प्रशासन को यह भी निर्देश दिया कि जिनकी संपत्तियों को नुकसान हुआ है, उन्हें अगले 48 घंटे के भीतर पंचनामा की प्रक्रिया पूरी कर मुआवजा दिया जाए।
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वर्तमान में रमजान का महीना चल रहा है। ऐसे में बाजार बंद होने से नागरिकों को भारी असुविधा हो रही है। इसके अलावा, आर्थिक गतिविधियां ठप होने से व्यापारी वर्ग को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसे देखते हुए पुलिस को मोमिनपुरा और आसपास की बस्तियों के बाजारों में कर्फ्यू में ढील देने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर ने आयोग को बताया, “जिन लोगों की चारपहिया और दोपहिया गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें मुआवजा देने के लिए आरटीओ कार्यालय में कैंप लगाया जाएगा।” पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र सिंगल ने कहा कि “स्थिति नियंत्रण में आने के बाद कर्फ्यू में ढील दी जाएगी। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होगा।”
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए प्यारे खान ने कहा कि इस देश में दंगों के लिए कोई जगह नहीं है। भारत के नव निर्माण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ‘सबका साथ, सबका विकास और सबसे विश्वास’ के मंत्र पर काम कर रहे हैं, और हम सभी को इस मंत्र पर विश्वास रखना चाहिए। नागपुर हमेशा से सभी धर्मों की एकता के लिए जाना जाता है। हिंसा की इस घटना से शहर पर जो दाग लगा है, उसे मिटाने की ज़िम्मेदारी यहां के सभी नागरिकों की है।