खामला सब रजिस्ट्रार ऑफिस (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Under Value Registry Scam: आयकर विभाग का इंटेलिजेंस और क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन विंग (आईएंडसीआई) विभाग ने अब तक 20 से अधिक रजिस्ट्री कार्यालयों को टारगेट बनाया है। इससे घबराहट में आकर रजिस्ट्री विभाग खुद ही यह बताने लगा है कि किन-किन कार्यालयों में कितनी ‘अंडर वैल्यू’ रजिस्ट्रियां हुईं हैं।
नागपुर के खामला सब-रजिस्ट्रार ऑफिस ने 2,500 करोड़ रुपये अंडर वैल्यू रजिस्ट्री होने का खुलासा खुद विभाग के पास किया है। इसके बाद विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को खामला कार्यालय में छापेमारी की है। अधिकारियों को शक है कि जब विभाग खुद 2,500 करोड़ रुपये मूल्य की बात कर रहा है तो यह मामला इससे कहीं अधिक बड़ा हो सकता है।
सोमवार को रात में शुरू हुई कार्रवाई देर रात तक जारी रही। अधिकारियों की मानें तो यहां पर कम से कम 3,000-3,500 करोड़ रुपये की संपत्ति की ‘अंडर वैल्यू’ रजिस्ट्री कराई गई है। यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा था। अब तक की जांच में यह स्पष्ट भी होने लगा है कि कुछ लोग सिंडिकेट बनाकर यह खेल खेल रहे थे।
सोमवार को हुई कार्रवाई के बाद जो लिस्ट सामने आई है उसमें कुछ बड़े बिल्डरों को फेवर करने की बात कही जा रही है। जानकारों का कहना है कि बड़े बिल्डर के दबाव में अधिकारी जानबूझकर कीमत छिपा रहे थे और विभाग की नजरों में संपत्ति को आने देने से रोक रहे थे।
इसके लिए अधिकारियों का ‘लॉबी’ भी कार्यरत है। ऊपर से निर्देश आने के बाद लॉबी इस प्रकार का कार्य कर रहा है। कुछ बिल्डर के ही डाक्यूमेंट के साथ ही हेराफेरी की जा रही है। सूची देखकर यह स्पष्ट संकेत भी मिल रहे हैं।
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आईएंडसीआई विभाग अब तक अभियान में 20 से अधिक रजिस्ट्री कार्यालयों पर कार्रवाई कर चुका है। इसमें कम से कम 10,000 करोड़ के मामले सामने आए हैं। खामला का मामला अब तक का सबसे बड़ा मामला बन गया है, जबकि दूसरे नंबर पर हिंगना रहा है। यहां पर 1,300 करोड़ के मामले सामने आये थे।
प्रत्येक कार्यालय में 300-400 करोड़ का मामला मिल ही रहा है। सदर का मामला भी बड़ा हो गया था जहां पर 1,000 करोड़ रुपये के अंडर वैल्यू डाक्यूमेंट मिले थे।