
नागपुर-पुणे वंदे भारत को भी 16 कोच की जरूरत (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur Railway News: रेलवे बोर्ड ने ट्रेन 20912/11 नागपुरइंदौरनागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस की कोच संख्या 8 से बढ़ाकर 16 कर दी है। इस रूट के यात्रियों के लिए यह बेहद सुखद खबर है। हालांकि इंदौर के साथ ही ट्रेन 26101/02 नागपुरपुणेनागपुर वंदे भारत में भी कोच संख्या दोगुनी करने की सख्त जरूरत है। उद्घाटन के दिन से ही यह वंदे भारत फुल क्षमता के साथ चल रही है।
दोनों रूट पर यात्री संख्या देखें तो नागपुर से पुणे के लिए इंदौर की तुलना में दोगुनी बसें दौड़ रही हैं। इससे साफ है कि पुणे रूट पर आज भी सैकड़ों यात्रियों को वंदे भारत में कन्फर्म सीट की जरूरत महसूस हो रही है।
नागपुर के लिए इंदौर और पुणे दोनों ही शहर अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इंदौर मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी है और नागपुर के व्यापार में अहम भूमिका निभाता है। पहले इन शहरों के बीच तेज गति से सफर के लिए सीमित ट्रेनें और फ्लाइट ही उपलब्ध थीं। यात्री बसों पर निर्भर रहते थे।करीब 16 घंटे का यह सफर संकरी सड़क और घाटों के कारण जोखिम भरा भी था।
बाद में इंदौरभोपाल वंदे भारत को नागपुर तक बढ़ाया गया।केवल 20% ऑक्यूपेंसी के साथ चल रही 8 कोच वाली वंदे भारत, नागपुर से संचालित होते ही 100% से अधिक ऑक्यूपेंसी हासिल करने लगी। अब इसकी कोच संख्या 16 कर दी गई है। शिक्षा व नौकरी के लिए पुणे पहली पसंद
नागपुर और विदर्भ से बड़ी संख्या में नौकरीपेशा युवा पुणे में रहते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के कारण यहां विदर्भ के लाखों विद्यार्थी भी रहते हैं। सप्ताह में सातों दिन ट्रेन होने के बावजूद प्रतिदिन लंबी वेटिंग रहती है। ऐसी स्थिति में यात्रियों को बसों के महंगे और थकाऊ सफर पर निर्भर रहना पड़ता है। रेलवे ने इस वर्ष रक्षाबंधन से पहले नागपुर-पुणे वंदे भारत शुरू की, जिसे यात्रियों ने हाथों-हाथ स्वीकार किया। लंबी दूरी के बावजूद यह ट्रेन प्रतिदिन फुल बुकिंग और वेटिंग लिस्ट के साथ दौड़ रही है। कुछ ही महीनों में यह देश की सबसे लंबा सफर करने वाली और सबसे सफल वंदे भारत सेवाओं में शामिल हो गई है। इसके बावजूद फिलहाल इसे केवल 8 कोच के साथ ही चलाया जा रहा है।
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16 कोच वाली वंदे भारत में 1,128 यात्री सफर कर सकते हैं, जो सीट संरचना के अनुसार लगभग 2631 बसों के बराबर है। 8 कोच वाली वंदे भारत में 572 यात्री सफर करते हैं, जो 1315 बसों के बराबर है। नागपुर-इंदौर रूट पर प्रतिदिन लगभग 29 बसें चलती हैं, जबकि पुणे रूट पर यह संख्या 66 से अधिक है। बसों की संख्या में इतना बड़ा अंतर इस बात का प्रमाण है कि पुणे रूट पर यात्री संख्या और मांग बेहद अधिक है। यही कारण है कि नागपुर-पुणेनागपुर वंदे भारत में भी 16 कोच की तैनाती अत्यंत आवश्यक है।
मध्य रेल नागपुर मंडल रेल प्रबंधक विनायक गर्ग ने कहा कि “पुणे वंदे भारत एक बहुत पॉपुलर सर्विस है और अब यह पुणे के लिए परिवहन का पसंदीदा तरीका बन गई है। कोच संख्या बढ़ाने से बर्थ उपलब्धता बेहतर होगी। हम इसके लिए प्रयासरत हैं।”






