नागपुर पुलिस कमिश्नर रविंद्र कुमार सिंगल (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Police Operation U-Turn: ‘थर्टी फर्स्ट’ के मद्देनजर नागपुर में शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर लगाम कसने के लिए पुलिस कमिश्नर रविंद्र कुमार सिंगल ने ‘ऑपरेशन यू-टर्न’ के तहत 22 से 31 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि पुलिस का यह अभियान जब से शुरू हुआ है तब से शहर में होने वाली जानलेवा दुर्घटनाएं कम हुईं हैं।
यह ऑपरेशन यू-टर्न का ही परिणाम है कि पिछले वर्ष की तुलना इस वर्ष शहर में 26 प्रतिशत दुर्घटनाएं कम हुईं और 90 लोगों की जान बची है। यह एक प्रभावी कार्रवाई है, इसीलिए साल के अंत तक पुलिस ने इस मुहिम को सख्ती से चलाने का निर्णय लिया है। पुलिस भवन में मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने यह जानकारी दी।
ज्वाइंट सीपी नवीनचंद्र रेड्डी और डीसीपी ट्रैफिक लोहित मतानी ने भी जानकारी सामने रखी। उन्होंने बताया कि जुलाई माह से शहर में ‘ऑपरेशन यू-टर्न’ लगातार जारी है जिसके तहत रोज शाम से रात 2 बजे तक विभिन्न स्थानों पर नाकाबंदी कर वाहनों और चालकों की जांच की जाती है। नये साल के जश्न के दौरान शहर के पब और बार में शराब पीने वालों की संख्या बढ़ जाती है जिससे नशे में वाहन चलाने और रैश ड्राइविंग की घटनाओं का खतरा रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह विशेष अभियान चलाया जाएगा।
इस अभियान के दौरान यातायात पुलिस द्वारा शहर के 131 स्थानों पर नाकाबंदी की जाएगी। विशेष तौर पर शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा हेलमेट न पहनने, गलत दिशा में वाहन चलाने सहित यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक नाकाबंदी स्थल पर पुलिस को ‘ब्रीथ एनालाइजर’ मशीन भी उपलब्ध कराई गई है। लोग शराब पीकर वाहन न चलाएं, इसीलिए जागरूकता फैलाने के लिए मॉल, पब और बार में भी पुलिस द्वारा जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। ‘थर्टी फर्स्ट’ के अवसर पर सुरक्षा के लिए कड़ा बंदोबस्त किया गया है। मॉल, फुटाला तालाब, भीड़भाड़ वाले इलाके, सदर, धरमपेठ और शंकरनगर क्षेत्र में विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
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डीसीपी मतानी ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति ने हर वर्ष 10 प्रश जानलेवा दुर्घटनाएं कम करने ध्येय रखा है। सिटी पुलिस भी इस मुहिम पर काम कर रही है। रोजाना 3,000 से ज्यादा वाहन चालकों की जांच की जाती है। अब तक 5,366 लोगों को शराब के नशे में वाहन चलाते पकड़ा गया है। हर एक केस में कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया है। अपराध की पुनरावृत्ति होने पर 15 दिन तक की जेल भी हो रही है। हाल ही में एडीजी ट्रैफिक कार्यालय द्वारा बीते वर्ष और इस वर्ष के एक्सीडेंट के आंकड़े जारी किए जिसमें एक्सीडेंट कम करने में नागपुर पूरे राज्य में पहले नंबर पर है। पुणे में 55 और संभाजीनगर में 18 मौतें कम हुई हैं।
निजी बसों की अवैध पार्किंग को लेकर भले ही ट्रैफिक विभाग द्वारा बड़े दावे किए जा रहे हों लेकिन जमीनी स्तर पर ट्रैफिक विभाग की लगाम नहीं दिखती। मतानी ने बताया कि पुलिस ने अब तक 300 बसों पर कार्रवाई की है। 20 बसों के परमिट रद्द करने के प्रस्ताव आरटीओ को भेजे गए हैं। इसके अलावा बार-बार नियमों की अनदेखी करने वाली 2 ट्रैवल्स कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। उनके दावों के बिल्कुल विपरीत निजी बस संचालक और चालक पर कोई असर नहीं हो रहा है। एक कतार से वर्धा रोड पर निजी बसें न केवल पार्क होती हैं बल्कि 10-10 मिनट का स्टॉपेज रहता है।