मकर संक्रांति पर्व पर में लगा दर्शनार्थियों का तांता। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर उपराजधानी के मंदिरों में परंपरागत रूप से श्रद्धालुओं ने तिल खिचड़ी व लडुडुओं का भोग अपने ईष्ट के चरणों में अर्पित किया। तिल संक्रांति पर्व से मौसम परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में तिल-गुड़ के व्यंजन खाने की परंपरा है।
संक्रांति पर्व पर जहां लोगों ने तिल-गुड़ बांटकर मीठा बोलने का संदेश दिया, वहीं, ‘वो काट…’ से आसमान गूंज उठा। सुबह से शाम तक हर उम्र के लोगों ने पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। पतंगबाजी में महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। दिनभर आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से पटा रहा।
शहर के सर्वाधिक प्रसिद्ध श्री गणेश मंदिर टेकड़ी, स्टेशन रोड में दर्शनार्थियों ने प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश जी को तिल-गुड़ के बने व्यंजनों का भोग लगाया और नए वर्ष में सफलता की कामना की। सुबह से ही भक्तों का आगमन होना प्रारंभ हो गया था। सुबह, दोपहर व संध्याकालीन आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
मंदिर संस्था की ओर से तिल के व्यंजनों का प्रसाद वितरण किया गया। संक्रांति पर्व के अवसर पर तिल-गुड़ का भोग व सेवन करने की पार्श्वभूमि में परिवर्तित मौसम से होने वाले दुष्प्रभाव को सहन करने की क्षमता का निर्माण है, साथ ही ईश्वर से परिवार की सुरक्षा व सफलता की कामना की जाती है।
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इस दिन से सूर्यनारायण उत्तर की दिशा में होना प्रारंभ होते हैं, साथ ही दिन का बढ़ना भी शुरू हो जाता है। इसी क्रम में वर्धा मार्ग स्थित श्री साईंबाबा मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर दिनभर लगी रही। मंदिर संस्था की ओर से दर्शन व प्रसाद वितरण की सुचारू व्यवस्था की गई थी। लोग एक-दूसरे को बधाई देते रहे।