नागपुर मनपा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur Municipal Election 2026: मनपा चुनाव को लेकर नामांकन के अंतिम तक कोई भी राजनीतिक दल आधिकारिक रूप से प्रत्याशियों की सूची घोषित नहीं कर सका।
सूची उजागर होते ही बागियों की बाढ़ आने की आशंका के चलते ही राजनीतिक दलों ने नया फॉर्मूला अपनाया है। बहरहाल भले ही सूची घोषित न हुई हो किंतु अंदरखाने कई दिग्गजों का पत्ता साफ होने तथा नये चेहरों को मौका मिलने की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
भाजपा के कुछ पूर्व वरिष्ठ पार्षदों की ओर से स्वयं ही चुनाव मैदान से हटने के संकेत दिए जाने के बाद इस नये फॉर्मूले पर मुहर ही लग गई जिसके बाद कई पूर्व वरिष्ठ पार्षदों के पैरों तले जमीन खिसक गई है।
जानकारों की मानें तो भाजपा और कांग्रेस जैसे बड़े राजनीतिक दलों में टिकट को लेकर कोहराम मचा हुआ है। कोहराम का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि न केवल स्थानीय बल्कि राज्य स्तर और केंद्र स्तर के नेता भी टिकट के इच्छुकों को शांत नहीं कर पा रहे हैं ।
जिससे इस चुनाव में कुछ नये समीकरण देखने न को मिलने की जानकारी सूत्रों ने दी।इनकमिंग अभी बाकी है राजनीतिक जानकारों की मानें तो गत कुछ दिनों व में कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी और पूर्व पार्षद रहे इच्छुक प्रत्याशियों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। हालांकि उन्हें कांग्रेस से भी टिकट मिलने की संभावना थी।
किंतु संभवतः उन्हें नये घर से अच्छे मौके का आश्वासन दिया गया है। हालांकि इस तरह से कांग्रेस की जीत के कई संभावित प्रत्याशियों को शामिल करने में भाजपा सफल तो हो रही है लेकिन ऐसे प्रभागों में भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं में नाराजगी के सुर देखने को मिल रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार कांग्रेस से भाजपा में इनकमिंग अभी बाकी है। नामांकन दायर करने के अंतिम क्षणों तक इस तरह के नजारे देखने को मिल सकते हैं। आश्चर्यजनक यह है कि कांग्रेस के एक बड़े दिग्गज के घर से भी इच्छुक का भाजपा में प्रवेश देखने को मिल सकता है।
मनपा में 108 पार्षदों के साथ सत्ता में रही भाजपा को टिकट बांटने और इच्छुकों को शांत कराने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। यहा तक कि 2017 के चुनाव में हार चुके कुछ पूर्व पार्षदों ने भी चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है।
ऐसे में अब ऐसे कुछ वरिष्ठ को दूसरे प्रभागों में शिफ्ट करने की जुगाड़ में भाजपा जुटी हुई है। हालांकि भनक लगते ही संबंधित प्रभागों के इच्छुकों की ओर से वरिष्ठ नेताओं तक नाराजगी पहुंचा दी गई है किंतु अंतिम दिन तक चले इस फेरबदल में कुछ परिवर्तन होने से इनकार किया जा रहा है।
जानकारों के अनुसार भाजपा और कांग्रेस की ओर से बागियों के तेवर से बचने के लिए जिन इच्छुक प्रत्याशी को टिकट दिया जाना है उन्हें फोन पर सूचना देकर नामांकन के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए है।
यहां तक कि बी फॉर्म कहां से प्राप्त करना है, उसकी सूचना भी दिए जाने की जानकारी सूत्रों ने दी। काफी गोपनीय तरीके से टिकट वितरण को अंजाम भले ही दिया जा रहा है किंतु फोन की घंटियों ने ही इस गोपनीयता को भंग कर दिया है। एक दूसरे से फोन के संदर्भ में पूछते ही राज खुलने लगे। जानकारों के अनुसार भाजपा और कांग्रेस की ओर से मंगलवार को ही सूची जारी होने की जानकारी सूत्रों ने दी।
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राजनीतिक दलों की ओर से भले ही अधिकृत प्रत्याशियों की सूची घोषित न की गई हो, इसके बावजूद पूर्व विधायक मिलिंद माने की पत्नी डॉ। सरिता, पूर्व विधायक विकास कुंभारे के पुत्र श्रेयस्, पूर्व पार्षद विजय चुटेले की पत्नी श्रद्धा और मुन्ना यादव की पत्नी लक्ष्मी के अलावा प्रभाग-24 से दुर्गेश्वरी कोसेकर, प्रभाग-37 से निधि तेलगोटे और प्रभाग-36 से शिवाणी दानी को टिकट मिलने का दावा किया जा रहा है।