
Nagpur Politics :नागपुर मनपा चुनाव (सोर्सः सोशल मीडिया)
Nagpur Municipal Election: मनपा में लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद कई पार्षदों के प्रति प्रभागों में नकारात्मक माहौल को देखते हुए, पूर्व अनुमान के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने इस बार बड़ा फैसला लिया है। भाजपा ने पूर्व महापौर, पूर्व उपमहापौर, पूर्व स्थायी समिति सभापति जैसे दिग्गज नेताओं सहित कुल 63 प्रत्याशियों को टिकट से वंचित कर नए चेहरों को मौका दिया है।
कुछ प्रभागों में आरक्षण लॉटरी के कारण सीटें बदलने से पार्टी ने परिवार के ही अन्य सदस्यों को टिकट दिया है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, भाजपा ने पहले ही सभी प्रभागों में सर्वेक्षण कर पार्षदों की कार्यप्रणाली और जनमत का आकलन किया था। उसी रिपोर्ट के आधार पर बड़े पैमाने पर प्रत्याशी बदले गए हैं।
भाजपा के लिए चौंकाने वाला फैसला यह रहा कि विधायक परिणय फूके की पत्नी और पूर्व पार्षद परिणीता फूके को भी टिकट नहीं दिया गया। इसी तरह कद्दावर नेता संजय बंगाले को भी इस बार आराम करने को कहा गया है। पार्टी ने प्रभाग 13 में अनुसूचित जनजाति के एक पूर्व पार्षद को छोड़कर शेष तीनों पूर्व पार्षदों के टिकट काट दिए हैं। वहीं, रेशमबाग जैसे संवेदनशील प्रभाग में भी सभी चारों पूर्व पार्षदों को बदल दिया गया है।
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अब तक के लगभग सभी चुनावों में पूर्व मंत्री सुलेखा कुम्भारे की पार्टी बरिएमं भाजपा को समर्थन देती रही है। कई बार उनके दल के प्रत्याशी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर भी चुनाव लड़ते रहे हैं। हालांकि, हालिया नगर परिषद चुनावों के दौरान बरिएमं प्रमुख सुलेखा कुम्भारे और भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले के बीच तीखा टकराव सामने आया। इसके चलते गठबंधन टूट गया और इस बार मनपा चुनाव में बरिएमं से जुड़े पूर्व पार्षदों को टिकट तक नहीं दिया गया।
भाजपा की तरह कांग्रेस में भी बड़े स्तर पर टिकट कटौती की गई है। पूर्व पक्षनेता और विधायक नितिन राऊत के करीबी माने जाने वाले संदीप सहारे सहित कई पूर्व पार्षदों के टिकट काट दिए गए हैं। जानकारों के अनुसार, विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर बसपा में गए पूर्व पार्षद मनोज सांगोले की घर वापसी की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका और उनका भी टिकट कट गया। इसी तरह पूर्व विधायक कृष्णा खोपड़े को टक्कर देने वाले पुरुषोत्तम हजारे, राजनीतिक प्रतिद्वंदी कमलेश चौधरी, गार्गी चोपड़ा और मध्य नागपुर के जुल्फेकार भुट्टो को भी इस बार चुनावी मैदान से बाहर रखा गया है।






