प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur Property Tax: नागपुर महानगर पालिका के लिए स्वयं के सर्वाधिक आय के स्रोत माने जा रहे सम्पत्ति कर से भले ही अब तक बजट का लक्ष्य पार नहीं किया गया हो किंतु अब शहर के लिए बनाए जा रहे नए डीपी प्लान में 30 हजार से अधिक नई सम्पत्तियां उजागर होने के बाद सम्पत्ति कर के माध्यम से 300 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार होने की उम्मीद जताई जा रही है।
बताया जाता है कि नए डीपी प्लान को लेकर नागपुर महानगर पालिका की ओर से की जा रही कवायद में ऐसी कई सम्पत्तियां उजागर हुई हैं जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है। यदि इन सम्पत्तियों को कर के दायरे में लाया जाता है तो निश्चित ही मनपा की आय में इजाफा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में मनपा को सम्पत्ति कर के माध्यम से 290 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई थी। अब इसी वित्तीय वर्ष में यदि इन 30 हजार सम्पत्तियों को जोड़ा जाए तो यह आंकड़ा 300 करोड़ रुपये के पार जाएगा।
बताया जाता है कि मनपा की ओर से विकास योजना (डेवलपमेंट प्लान) तैयार की जा रही है। इसके तहत सिटी में सभी जगहों पर भूमि उपयोग की जानकारी जुटाई जा रही है। इस प्रक्रिया में 30 हजार संपत्तियों का खुलासा हो चुका है। संपत्ति कर विभाग ने भी इस डेटा की दोबारा जांच शुरू कर दी है।
नागपुर महानगर पालिका मौजूदा जीआईएस सिस्टम का इस्तेमाल उन संपत्तियों की पहचान करने के लिए कर रही है जो कर के दायरे में नहीं हैं। अधिकारियों के अनुसार ऐसी संभावना है कि इसमें खाली प्लॉट भी शामिल हों और मनपा उसी के अनुसार टैक्स लगा रही हो। यह भी आशंका जताई गई कि अब इन खाली प्लॉटों पर कोई इमारत बन गई होगी और हो सकता है कि टीम को वह मिल गई हो।
यह भी बताया जा रहा है कि नई खोजी गईं संपत्तियों और संपत्ति कर विभाग में दर्ज संपत्तियों के रिकॉर्ड का मिलान किया जाएगा। यदि पिछले कुछ सालों में निर्माण हुआ है तो एक नोट भी जोड़ा गया है जिसमें उनका रिकॉर्ड रखा जाएगा।
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नागपुर शहर में वर्तमान में 6.37 लाख संपत्तियां हैं। आम तौर पर निर्माण संबंधी मंजूरी प्रदान करने में देरी होती है। संपत्ति कर विभाग को इसकी जानकारी नहीं दी जाती। इस वजह से संपत्ति के वास्तविक निर्माण और कर निर्धारण में अंतर आ जाता है लेकिन अब डेवलपमेंट प्लान टीम द्वारा भूमि उपयोग निरीक्षण के दौरान पाई गईं संपत्तियों और जीआईएस आधारित कर प्रणाली से इस अंतर को पूरा किया जा सकता है। इन संपत्तियों का नये सिरे से मूल्यांकन किया जा सकता है। इससे मनपा के राजस्व में वृद्धि होने की संभावना है।
मनपा ने संपत्ति कर न चुकाने वालों के खिलाफ ज़ब्ती की कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार को आसीनगर ज़ोन में 79 करोड़ 94 लाख 12 हजार 122 रुपये की 6 संपत्तियां ज़ब्त की गईं। इन 6 संपत्ति मालिकों पर 1 करोड़ 07 लाख 61 हजार 360 रुपये का सम्पत्ति कर बकाया है।
वर्तमान रेडी रेकनर की दरों के अनुसार इन सम्पत्तियों की कीमत 79.94 करोड़ रुपये आंकी गई है। इन संपत्तियों की सार्वजनिक नीलामी प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी थी। इसके बाद भी यदि संपत्ति मालिकों ने बकाया राशि का भुगतान करने में कोताही बरती तो इन संपत्तियों को मनपा के नाम करने का प्रस्ताव जोन की ओर से रखा गया है।