बर्डी अतिक्रमण (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur High Court Petition: नागपुर के बर्डी मेन रोड पर ट्रैफिक जाम होने का हवाला देते हुए जहां मनपा की ओर से इसे नो हाकिंग जोन घोषित किया गया वहीं मनपा के प्रवर्तन विभाग और पुलिस की ओर से दिवाली के दौरान हॉकर्स के खिलाफ लगातार कार्रवाई की गई। इसे चुनौती देते हुए नागपुर फेरीवाला दुकानदार संगठन के महामंत्री अब्दुल रज्जाक कुरेशी की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
इस पर गुरुवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश अनिल किल्लोर और न्यायाधीश रजनीश व्यास ने राज्य सरकार के नगर विकास विभाग, मनपा और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधि। मोहम्मद अतीक ने पैरवी की। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अतीक ने कोर्ट को अंतरिम राहत देने का अनुरोध किया।
इस पर कोर्ट ने कहा कि भले ही अंतरिम राहत नहीं दी जा रही हो, किंतु चूंकि याचिकाकर्ता ने नियमों का उल्लंघन होने का कारण दिया है, अत: उल्लंघन पाए जाने पर हॉकर्स को हुए नुकसान के लिए मुआवजा भी पाया जा सकता है।
दिवाली के दौरान अवैध कार्रवाई और माल ज़ब्ती का आरोप लगाते हुए अधिवक्ता अतीक ने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर इसे नो हाकिंग जोन घोषित किया गया। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह प्रस्ताव ‘स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) अधिनियम, 2014’ का घोर उल्लंघन करता है और TVC का वर्तमान गठन भी अवैध है।
ऐसे में टाउन वेंडिंग कमेटी को ही बर्खास्त करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया। याचिका में बताया गया कि टाउन वेंडिंग कमेटी ने 21 फरवरी 2024 को एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसके तहत सीताबर्डी हॉकर ज़ोन को ‘नो हॉकिंग ज़ोन’ घोषित कर दिया गया।
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इस निर्णय को 21 मार्च 2024 को सरकारी राजपत्र में प्रकाशित किया गया। याचिकाकर्ता संगठन का कहना है कि मेन रोड को पहले टीवीसी की बैठक के बाद 29 दिसंबर 2016 को सरकारी राजपत्र में हॉकिंग ज़ोन घोषित किया गया था। इसके बाद 28 नवंबर 2023 की बैठक में भी इसे वेंडिंग ज़ोन के रूप में बनाए रखा गया था।
याचिका में नागपुर हैरिटेज कंजर्वेशन कमेटी के 3 मार्च 2023 के उस प्रस्ताव को भी चुनौती दी गई है, जिसमें ‘गेटवे रीगल थिएटर’ के पूर्वी और पश्चिमी किनारों पर 50 मीटर के क्षेत्र को हॉकर मुक्त करने का निर्णय लिया गया था। इस संबंध में 20 मार्च 2023 के एक आदेश में कोर्ट ने लाइसेंसधारी हॉकरों को निर्धारित स्थानों पर व्यवसाय जारी रखने की अनुमति दी थी, बशर्ते वे हैरिटेज संरचना को कोई नुकसान न पहुंचाएं। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से टीवीसी के गठन को अवैध घोषित करने का अनुरोध किया। साथ ही वर्ष 2022 के बाद टीवीसी द्वारा लिए गए सभी निर्णय भी रद्द करने की मांग की।