पालकमंत्री ने पेश किया लेखा जोखा (सौजन्य-नवभारत)
New Nagpur Project: महायुति सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण हो रहा है। इस एक वर्ष में विविध विभागों के माध्यम से नागपुर शहर व जिले के ग्रामीण भागों में जो जनहित व विकास के कार्य हुए हैं और जो पाइपलाइन में हैं उनका लेखा-जोखा पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने रखा।
बच्चों को कुपोषण से मुक्ति, महिला रोजगार व सक्षमीकरण से लेकर पांधन रास्ते और सीमेन्ट सड़कों के निर्माण, मालिकी हक का पट्टा वितरण, नंदग्राम योजना, वेस्ट डंपिंग, इंटिग्रेटेड ट्रांसपोर्ट सिस्टम से लेकर नये नागपुर के निर्माण का रोडमैप उन्होंने नियोजन भवन में आयोजित मीट द प्रेस में रखा। इस दौरान मनपा जिलाधिकारी विपिन इटनकर, मनपा आयुक्त अभिजीत चौधरी, जिला परिषद सीईओ विनायक महामुनि और एनआईटी चेयरमैन संजय मीणा ने अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में बीते 1 वर्ष में किये गए कार्यों की जानकारी साझा की।
साथ ही चल रहे प्रकल्पों, भविष्य की योजनाओं की जानकारी भी दी। बावनकुले ने बताया कि लगभग 20 वर्षों से अधिक समय से नागपुर महानगर के भविष्य की जरूरतों को देखते हुए समय-समय पर जो विकास कार्य नियोजित किये गए, उसका लगातार फॉलोअप कर कार्य किया गया। इसके चलते ही नागपुर आज दुनिया के नक्शे में पहचाना जा रहा है।
संजय मीणा ने बताया कि 692.06 हेक्टेयर में न्यू नागपुर का निर्माण प्रस्तावित है जिसमें से 560 हेक्टेयर जमीन के संपादन की अनुमति मिल गई है। प्राथमिक विकास के लिए 3500 करोड़ को मंजूरी मिली है। आउटर रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए 9 तहसीलों के 99 गांवों में लगभग 1697.18 हेक्टेयर जमीन संपादित की जाएगी। 13,748 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
न्यू नागपुर साकार करते समय भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आउटर रिंग रोड में 4 बड़े ट्रांसपोर्ट प्लाजा का निर्माण होगा। विविध सरकारी विभागों के 2,833 हेक्टेयर जमीन की देखभाल के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनी बनाई जाएगी। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी तैयार किया जाएगा। वहीं पालक मंत्री बावनकुले ने बताया कि सिटी बस की तरह ही एनएमआरडीए एरिया में बस सुविधा शुरू की जाएगी।
मनपा के 20 किमी के रेंज के आगे ये बसें चलेंगी जिनकी कनेक्टिविटी सिटी बसों व मेट्रो से होगी। इस तरह एक इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित होगा। मनपा, एनआईटी की सीमा में लगभग 650 एसी इलेक्ट्रिक बसों की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
जिलाधिकारी इटनकर ने बताया कि नजूल की जमीन प्रकरणों के निपटारे के लिए ई-नजूल एप बनाया गया है जिससे दलाल पर नकेल लगी है। 3500 मामले अब तक निपटाए गए हैं। सरकार ने अभय योजना की अवधि 1 वर्ष तक बढ़ा दी। सारी नजूल जमीन फ्रीहोल्ड किये जा रहे हैं। किसानों की सुविधा के लिए जिले में 1200 किमी पांधन रास्ते मंजूर किये गए हैं। इनकी नंबरिंग और ग्रेड बदलकर मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
पांधन रास्तों के निर्माण में फ्लाई ऐश का उपयोग भी किया जाएगा। जिले में 75,000 परिवारों का सर्वेक्षण पूरा किया है। सभी को घरकुल देना है। 30-35 हजार को पट्टा वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि नागपुर के मेकोसाबाग, जरीपटका, खामला में विस्थापित सिंधी परिवारों को पट्टे देने की प्रक्रिया भी पूरी हो रही है और सभी को जल्द ही फ्रीहोल्ड कर दिया जाएगा।
डीपीडीसी के 1200 करोड़ रुपयों में से 1000 करोड़ रुपये मिल गए हैं जिसमें से 60 फीसदी निधि शिक्षा, स्वास्थ, कुपोषण, महिला सक्षमीकरण पर खर्च किया जा रहा है। सुको के निर्णयानुसार जिले के लगभग 15,000 हेक्टेयर झुड़पी जंगल की जमीन मुक्त की जाएगी।
मनपा आयुक्त अभिजीत चौधरी ने बताया कि वेस्ट प्रोसेसिंग के लिए 31 दिसंबर तक का टारगेट रखा है। तब तक 100 प्रतिशत डंपिंग रोकने का प्रयास किया जाएगा। विविध विकास कार्य को गति देने के लिए सरकार से 315 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं जिससे पूर्व व उत्तर नागपुर की पानी की समस्या का निराकरण होगा। फुटपाथ सुधार, राक गार्डन, खेल के मैदान, उद्यान सौंदर्यीकरण, जिम आदि पर खर्च किया जाएगा। सड़कों को मवेशियों से मुक्त करने के लिए वाठोड़ा में नंदग्राम योजना जल्द ही कम्प्लीट होगा।
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यहां 122 गोठे होंगे जिसमें लगभग 1500 मवेशियों के लिए जगह उपलब्ध होगी। अमृत योजना के तहत पोहरा व नाग नदी प्रकल्प का कार्य शुरू होगा जिसके लिए आचार संहिता लगने के पूर्व वर्कआर्डर जारी कर दिया जाएगा। सफाई कर्मियों के लिए नारी में आवास योजना के तहत 400 घरकुल के निर्माण सहित विविध जगहों पर लगभग 5,000 घरकुल साकार करने का कार्य प्रगति पर है। फायर विभाग को लगभग 90 मीटर ऊंचाई तक कार्य करने वाला हाइड्रोलिक अग्निशमन वाहन उपलब्ध किया जा रहा है।
जिप सीईओ महामुनि ने बताया कि जिले में 1600 महिला बचत गटों को व्यवसाय के लिए 1-1 लाख रुपये उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसका ब्याज नहीं लगेगा। महिला सक्षमीकरण, स्वास्थ्य, कुपोषण, पंचायत व शिक्षा के विकास पर जोर दिया जा रहा है। कोराडी में अगरबत्ती व हैंडलूम उद्योग का क्लस्टर साकार किया जा रहा है। 298 शालाओं में सैमसंग इंटरेक्शन पैनल लगाया गया है।
दुर्गम भागों में एआई की जानकारी के लिए दो बसों में एआई लैब तैयार कर रहे हैं जिसका टेंडर हो गया है। 103 लाइब्रेरी तैयार कर रहे हैं। 60 एआई आंगनवाड़ियां साकार की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी इमारत निर्माण के लिए 11।25 लाख रुपये दिये जाते हैं जो कम पड़ते हैं। डीपीसी की सहायता से 40 अत्याधुनिक आंगनवाड़ी साकार की जा रही हैं।