नाना पटोले-देवेंद्र फडणवीस-उद्धव ठाकरे (सौजन्य-एएनआई)
नागपुर: नागपुर में हुई हिंसा के बाद राज्य की महायुति सरकार पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। मंगलवार को विधानसभा परिसर में विपक्षी सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की वहीं सदन के अंदर भी काफी हंगामा हुआ। इस बारे में सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विस में दावा किया कि नागपुर हिंसा पूर्व नियोजित थी। उन्होंने इसे एक साजिश करार देते हुए कहा कि घटनास्थल से काफी मात्रा में पत्थर समेत अन्य चीजें बरामद हुई हैं। काफी संख्या में पुलिस वाले भी घायल हुए हैं।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सदस्यों ने सोमवार को नागपुर में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान जानबूझकर कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई कि धार्मिक चीजें जलाई गई। इसके बाद हिंसा फैल गई। इससे यह एक सोची-समझी साजिश लगती है। राज्य में किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं है। पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। विप में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि यह एक खास समुदाय को निशाना बनाने की साजिश थी। हिंदुओं के घरों को टार्गेट करना एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) विधायक अनिल परब पर पलटवार करते हुए मुगल सम्राट औरंगजेब के महिमामंडन पर विपक्ष को खरीखोटी सुनाई। शिंदे ने कहा कि औरंगजेब हमारे इतिहास पर एक काला धब्बा है।
नागपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट तलब की है। मंत्रालय ने कहा है कि वह इस मामले की जानकारी साझा करते हुए यह भी बताए कि इसमें उपद्रवी क्या स्थानीय थे या फिर बाहर से आए थे। अगर वे बाहर से आए थे तो किन जिलों या दूसरे राज्य से यहां आए थे। राज्य पुलिस बल को चाहिए कि वह दंगे से पहले और दंगे के दौरान उपद्रव वाले स्थानों पर अत्याधिक सक्रिय मोबाइल फोन को लेकर जानकारी हासिल करें।
पालक मंत्री व प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष – चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि नागपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना पहले कभी नहीं हुई पुलिस वालों पर हमला करने चाले व हिंसा की साजिश रचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सीसीटीवी की मदद से हमलावरों की पहचान की जा रही है। साथ ही उनके सोशल मीडिया अकाउंट को भी खंगाला जा रहा है। शहर में कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले बच नहीं सकते हैं।
पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री से पूछा जाना चाहिए कि इस साजिश के पीछे कौन है। सरकार दावा करती है कि उनकी डबल इंजन की सरकार है। अगर यह इंजन फेल हो गया है तो इस सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
नाना पटोले ने कहा कि नागपुर सीएस का अपना शहर है, गृह विभाग भी उनके पास है, जब इतनी बड़ी साजिश हो रही थी तो उसका पता उन्हें और पुलिस विभाग को क्यों नहीं चला। महायुति सरकार में लॉ एंड आर्डर पूरी तरह से फेल हो गया है।
सोमवार की रात नागपुर में हुई हिंसा की देशभर में चचर्चा हो रही है। हिंसा के बाद पुलिस द्वारा लिए गए एक्शन के बाद पूरे शहर में तनावपूर्ण शांति है। ऐहतियात के तौर पर पुलिस ने संवेदनशील माने जाने वाले 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है। हालांकि शहर के अन्य सभी हिस्सों में स्थिति सामान्य है और लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में व्यस्त हैं लेकिन हिंसा के वीडियो और खबरें सामने आने के बाद भयभीत भी है।
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मुंबई में मुख्यमंत्री के साथ बैठक करने के बाद मंगलवार को राजस्व और जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले नागपुर पहुंचे। पुलिस कमिश्नर रविंद्रकुमार सिंगल, जिला अधिकारी विपिन इटनकर और मनपा आयुक्त अभिजीत चौधरी के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को दंगाइयों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं, आगजनी, पथराव और तोड़फोड़ करने वाले दंगाइयों को पकड़ने के लिए पुलिस ने रातभर कोंबिंग आपरेशन चलाया। इस दौरान जोन 5 के डीसीपी निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ, जिसमें वो बुरी तरह जख्मी हो गए।