प्रतीकात्मक तस्वीर
नागपुर. फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों से फोरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 2.59 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले रैकेट के मास्टर माइंड आरोपी को आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी दहीसर, मुंबई निवासी विराज सुहास पाटिल बताया गया। विराज को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी गिरफ्तार किया था।
पिछले कुछ महीने से वह कोलकाता जेल की हवा खा रहा था। इसी वर्ष फरवरी महीने में ईओडब्ल्यू ने विक्रम बजाज नामक व्यापारी की शिकायत पर विराज पाटिल सहित सेलू, वर्धा निवासी सूरज मधुकरराव सावरकर, सुरेंद्र मधुकरराव सावरकर, डॉक्टर प्रीति नीलेश राऊत, उसके पति डॉ. नीलेश नरेशराव राऊत, जालंधर पंजाब निवासी प्रियंका खन्ना, पीआर ट्रेडर्स के संचालक प्रिन्स कुमार, एमआर ट्रेडर्स के संचालक राकेश कुमार सिंह, टीएम ट्रेडर्स के संचालक अमन ठाकुर, आरके ट्रेडर्स के संचालक राहुल कुमार अकेला, मिलन इंटरप्राइजेस ठाणे और ग्रीनवैली एग्रो कोलकाता के खिलाफ धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और एमपीआईडी एक्ट सहित विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
विराज और सूरज सावरकर ने आईएक्स ग्लोबल अकादमी प्रा।लि। और टीपी ग्लोबल कंपनी की स्थापना की। अन्य आरोपियों के जरिए अपना नेटवर्क फैलाया। इस अकादमी द्वारा लोगों को ऑनलाइन फोरेक्स ट्रेडिंग, शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टो मार्केट का प्रशिक्षण दिया जाता था। विक्रम और उनके दोस्तों ने आरोपियों से संपर्क किया था। कथित आरोपियों ने निवेश पर प्रति माह 5 से 15 प्रश तक फायदा होने का झांसा दिया।
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निवेशकों से उपरोक्त संस्थानों के खाते में कुल 2.59 करोड़ रुपये जमा करवाए। आरोपियों की टीपी ग्लोबल और एफएक्स नामक वेब पोर्टल पर शेयर की खरीदी और बिक्री दिखती थी लेकिन वास्तविक तौर पर कोई निवेश नहीं होता था। जब रकम विड्रा करने की बारी आई तो धोखाधड़ी सामने आई। इस मामले में पुलिस ने जुलाई महीने में डॉ. प्रीति राऊत को गिरफ्तार किया था।
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विराज को ईडी ने कोलकाता में दर्ज मामले में पकड़ा था। इसकी खबर मिलते ही डीसीपी अर्चित चांडक ने इंस्पेक्टर भारती गुरनुले, हेड कांस्टेबल शरद कोकाटे, गजानन गिरी, योगेश निघोट, योगिता पोटभरे और मंगेश गौरकर को कोलकाता भेजा। न्यायालय से प्रोडक्शन वारंट लेकर ईओडब्ल्यू ने विराज को गिरफ्तार किया। न्यायालय ने उसे 3 दिन की पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए है।