सुनील तटकरे प्रेस वार्ता (सौजन्य-नवभारत)
NCP Sunil Tatkare: स्थानीय निकाय चुनावों के पूर्व महायुति सरकार में शामिल दलों के कार्यकर्ताओं की चांदी हो सकती है। विविध महामंडलों में पदाधिकारियों व सदस्यों की नियुक्तियों का जो पेंच अब तक फंसा हुआ है वह जल्द ही सुलझने वाला है। यह जानकारी प्रेस-परिषद में NCP अजित पवार गुट के प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे ने दी।
उन्होंने कहा कि 23 सितंबर को इस संदर्भ में महायुति समन्वय समिति की बैठक होने वाली है जिसमें तीनों प्रमुख नेताओं के समक्ष महामंडल की रूपरेखा की जानकारी रखी जाएगी। उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। वे 19 सितंबर को नागपुर में होने वाले पार्टी के चिंतन शिविर में भाग लेने आए हैं। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर पार्टी के विस्तार व चुनावों को लेकर महत्वपूर्ण साबित होगा।
उन्होंने बताया कि विधायकों की संख्या के अनुपात में तीनों पार्टियों को महामंडल में भागीदारी देना निश्चित किया गया है। महामंडलों को वर्गों में विभाजित किया है। नियुक्ति की सूची भी तैयार कर ली गई है। समिति में तीनों पार्टी से 2-2 मंत्री शामिल हैं। समिति अपनी रिपोर्ट देवेन्द्र फडणवीस, अजित पवार व एकनाथ शिंदे के सुपुर्द करेगी और फिर वे निर्णय लेंगे।
वोट चारी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बार-बार आरोप लगाए जाने के संदर्भ में तटकरे ने कहा कि गांधी को बूथ लेवल की जानकारी नहीं है। सूची तैयार करने, जांच करने में बीएलओ और मतदान केन्द्र में वोटिंग के समय भी सभी पार्टी के प्रतिनिधि होते हैं। वे वोटर्स की पहचान करते हैं। फिर भी वे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी के सलाहकार ही उन्हें सही जानकारी नहीं दे रहे हैं, शायद उन्हें गांधी की बदनामी करनी होगी।
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पार्टी की विदर्भ में स्थिति के संदर्भ में तटकरे ने कहा कि नागपुर और विदर्भ भाजपा व फडणवीस का गढ़ है। एनसीपी का गढ़ पश्चिम महाराष्ट्र रहा है लेकिन विस चुनाव में हमने यहां से 7 सीटों पर चुनाव लड़ा और 6 पर सफलता मिली। मराठा आरक्षण पर कहा कि उन्हें स्वतंत्र आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन इससे किसी अन्य समाज का नुकसान नहीं होना चाहिए।
शिवसेना सांसद संजय राउत के संदर्भ में कहा कि उनकी मानसिक स्थिति अच्छी नहीं लगती। प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर एनसीपी ने भले विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया लेकिन उन्हें शुभकामनाएं दीं। मोदी को शरद पवार ने बधाई दी, यह हमारी संस्कृति है। पवार का अमृत महोत्सव 10 वर्ष पूर्व दिल्ली में मनाया गया था तब सभी पार्टी नेता बधाई देने आए थे।