महावितरण (सौ. सोशल मीडिया )
Nagpur News: केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा निर्धारित मूल्यांकन में 100 में से 93 अंक हासिल कर महावितरण ने पहला स्थान प्राप्त किया है। महावितरण ने अन्य सभी राज्यों को पछाड़ते हुए उल्लेखनीय सफलता हासिल की। मूल्यांकन में पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर रहा जबकि गुजरात को 5वां स्थान हासिल हो पाया।
महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महावितरण के प्रयासों से कंपनी को यह सफलता मिली। उन्होंने इस सफलता के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और महावितरण के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी। इस सफलता में ऊर्जा राज्य मंत्री मेघना साकोरे बोर्डीकर और अपर मुख्य सचिव आभा शुक्ला का मार्गदर्शन भी महत्वपूर्ण रहा।
उन्होंने बताया कि ऊर्जा मंत्रालय की ओर से आरईसी और पावर फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने बिजली कंपनियों का मूल्यांकन किया। पश्चिम भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 100 में से 93 अंकों के साथ महाराष्ट्र पहले स्थान पर है और राज्य को ‘ए’ ग्रेड मिला। महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश 84.5 अंक हासिल कर दूसरे स्थान पर रहा। वहीं गोवा 74 अंक, दादरा नगर हवेली और दीव दमन 74 अंक, गुजरात 67 अंक और छत्तीसगढ़ को 52 अंक मिले।
मूल्यांकन के लिए 5 मापदंड निर्धारित किए गए थे। इनमें से 3 घटकों में महावितरण को शत-प्रतिशत अंक मिले। संसाधन पर्याप्तता में 32 में से 32 अंक, ऊर्जा परिवर्तन में 15 में से 15 अंक और नियामक के अनुरूप प्रशासन में 5 में से 5 अंक हासिल हुए। बिजली कंपनी की वित्तीय स्थिरता के घटक में 25 में से 24 अंक और जीवन सुगमता और व्यवसाय सुगमता के मापदंड में महावितरण को 23 में से 17 अंक मिले।
इस मापदंड में गुजरात को 14 और मध्य प्रदेश को 16 अंक मिले। बिजली क्षेत्र में प्रदर्शन के लिए अंक देने की प्रक्रिया 3 मार्च को शुरू हुई थी। देश के मूल्यांकन में 85 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले राज्यों को ‘ए’ कैटेगरी में शामिल किया गया है। इसमें महाराष्ट्र सहित कुल 8 राज्य हैं।
महावितरण ने पिछले 3 वर्षों में ग्राहकों को बेहतर सेवा देने और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते एक खाका तैयार किया। ऊर्जा परिवर्तन खाके के अनुसार महावितरण ने पिछले ढाई वर्षों में 45,000 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए समझौते किए और अगले 5 वर्षों के लिए व्यवस्था की है। इन बिजली खरीद समझौतों में नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर दिया गया है जिससे अगले 5 वर्षों में बिजली खरीद के 66 हजार करोड़ रुपये बचेंगे।
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इसी के आधार पर महावितरण ने सभी ग्राहकों के लिए अगले पांच वर्षों के लिए बिजली दरों में कटौती की है। किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति के लिए मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 के तहत 16 हजार मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना महावितरण की पहल पर लागू की जा रही है जो एक ‘गेम चेंजर’ साबित होगा। आपूर्ति नेटवर्क को मजबूत करने के लिए महावितरण द्वारा आरडीएसएस योजना के तहत बुनियादी ढांचे का काम प्रभावी ढंग से चल रहा है।