प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Weather Update: महाराष्ट्र के लोग गर्मी और उमस से परेशान है। इस बीच मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है। महाराष्ट्र में मौसम करवट लेने वाला है क्याेंकि मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। मुंबई, ठाणे, पालघर समेत तटीय इलाके में बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं मराठवाड़ा और विदर्भ में भी बादलों ने डेरा जमा लिया है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने महाराष्ट्र के 23 जिलों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इसमें तेज हवाओं के साथ बिजली चमकने और गरज के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है। विशेष रूप से मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगड, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पुणे, सातारा, कोल्हापुर, नासिक, अहिल्यानगर, सोलापुर और पश्चिम महाराष्ट्र के कई जिलों में बारिश की तीव्रता बढ़ गई है।
मराठवाड़ा और विदर्भ के लातूर, बीड़, नांदेड़, हिंगोली, चंद्रपुर, गोंदिया, यवतमाल, नागपुर आदि जिलों में भी बारिश की संभावना जताई गई है। किसानों से अपील की गई है कि वे फसलों को नुकसान से बचाने के लिए आवश्यक सावधानियां बरतें।
मौसम विभाग ने पालघर, ठाणे, मुंबई, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, नासिक, पुणे, सातारा, कोल्हापुर, बीड़, लातूर, नांदेड़, धाराशिव, परभणी, हिंगोली, चंद्रपुर, गड़चिरोली, नागपुर, भंडारा, यवतमाल, अमरावती और वर्धा जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
नागपुर में पिछले कुछ दिनों के सूखे के बाद गुरुवार को हल्की बुंदाबांदी हुई। इससे लोगों को उमस से राहत मिली। शुक्रवार सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए है। मौसम विभाग ने बारिश की संभावना जताई है। नागपुर के अलावा विदर्भ के कई जिलों में बारिश की संभावना है।
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विदर्भ के चंद्रपुर जिले में 10 दिनों के बाद बुधवार से शुरू हुई बारिश जारी है। इससे किसानों के चेहरे खिल गए है। चंद्रपुर के मूल तहसील में धान की खेती बड़े पैमाने पर होती है और इस खेती के लिए पानी की बहुत ज़रूरत होती है। बारिश खेती के लिए संतोषजनक तो थी, लेकिन रोपाई शुरू हुई और बारिश रुक गई, जिससे किसान चिंतित हो गए थे।
पानी की कमी के कारण कई किसानों की रोपाई रुक गई थी। कई किसानों को धान की रोपाई की अनुमति नहीं मिलने से धान की बुआई की। किसानों में पानी की कमी से फसल सूखने का डर था। एक हफ़्ते से पड़ रही भीषण गर्मी के कारण गर्मी बढ़ गई थी। हालांकि, गुरुवार दोपहर जब तहसील के कुछ हिस्सों में गरज के साथ बारिश हुई, तो किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई।