
विजय वडेट्टीवार-चंद्रशेखर बावनकुले-अनिल देशमुख (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics 2025: स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा के साथ ही अब पक्ष व विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी शुरू हो गयी है। विपक्षी जहां वोट चोरी के आरोप लगाते हुए यह मांग कर रहे हैं कि बिना मतदाता सूची में सुधार किए चुनाव नहीं लिए जाएं वहीं सत्ताधारी यह कहकर विपक्ष को घेर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में जिस सूची पर चुनाव हुए और उनके उम्मीदवार चुनकर भी आए, उसी सूची पर यह चुनाव हो रहा है तो फिर भ्रम क्यों फैलाया जा रहा है।
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के साथ होने वाले चुनाव की घोषणा पर आनंद व्यक्त करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे ने तो यह आरक्षण ही समाप्त कर दिया था लेकिन शिंदे-फडणवीस-पवार की महायुति सरकार ने इसे फिर से बहाल किया। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में गड़बड़ी का झूठा आरोप विपक्ष लगा रहा है। जिन सूचियों पर महाविकास आघाड़ी के सांसद चुने गए वही सूचियां अब नगरपालिका चुनावों के लिए भी हैं।
जब आप जीते तब लिस्ट सही थी और अब गलत है। रोहित पवार के चुनाव आयोग पर सरकार के दबाव के आरोप पर उन्होंने पलटवार किया कि रोहित पवार साबित करें कि जिस मतदाता सूची पर वे जीते थे और अब की सूची में फर्क है। यदि साबित कर दें तो उन्हें 1,000 रुपये का इनाम मिलेगा। सूची वही है, विपक्ष सिर्फ भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है।
इधर, विधानसभा में कांग्रेस पक्ष नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया है कि भाजपा को इसलिए स्थानीय निकाय चुनाव कई चरणों में अलग-अलग करवाना है, ताकि वह यंत्रणा का दुरुपयोग कर सके। उन्होंने कहा कि मनपा व जिला परिषद के चुनाव एक साथ लेने की जरूरत है लेकिन बीजेपी को ऐसा नहीं करना है क्योंकि उसे यंत्रणा का दुरुपयोग करना है, इसलिए अलग-अलग चरणों में चुनाव लेने का दांव है।
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राकां नेता व पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि मतदाता सूची में भारी गड़बड़ियां हैं। इसमें सुधार के लिए सभी विपक्षी दलों ने मुंबई में सत्य का मोर्चा निकालकर चुनाव आयोग को निवेदन दिया। सूची स्वच्छ कर निकाय चुनाव लेने की मांग की लेकिन बावजूद इसके आयोग ने नगर परिषद व नगर पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी।
इससे यह स्पष्ट हो गया है कि चुनाव आयोग सत्ता के दबाव में है। उसे पहले सूची में पूरी तरह सुधार लेना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए आयोग काम करता नजर आ रहा है। बैलेट पर चुनाव की मांग को भी दरकिनार कर दिया गया है।






