उद्धव ठाकरे (सौजन्य-IANS)
Uddhav Thackeray Statement: गुरवार को विधान भवन पहुंचे उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में 75,000 करोड़ की पूरक मांगें आने के बावजूद, राज्य सरकार के पास पैसा कहां से आएगा और किसे दिया जाएगा, इसका कोई जवाब नहीं है। राज्य पर 9 लाख करोड़ का कर्ज होते हुए भी सरकार को कोई चिंता नहीं।
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि महाराष्ट्र ने आपदा पीड़ितों के लिए प्रस्ताव ही नहीं भेजा।इस पर ठाकरे ने कहा कि समझ आता है कि जल्दबाजी में प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन कितने करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया, यह जनता को पता होना चाहिए। यह उनका अधिकार है। डबल इंजन सरकार ने ठीक कितनी मदद लाई।
यह नहीं बताया जा रहा है। फसल बीमा पर प्रहार करते हुए ठाकरे बोले कि एक रुपये, 6 रुपये का फसल बीमा देकर किसानों की खिल्ली उड़ाई जा रही है। ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि साधारण जनता के मुद्दों पर सरकार सिर्फ समय निकाल रही है।
विपक्ष नेता पद को लेकर सरकार टालमटोल कर रही है। हमने भास्कर जाधव का नाम सुझाया, लेकिन आजतक कोई जवाब नहीं। यह अत्यंत आश्चर्यजनक है। राज्य में 2 उपमुख्यमंत्री बिठाये गये हैं। यह संवैधानिक नहीं। यदि सरकार विपक्ष नेता का पद देने से डरती है, तो उपमुख्यमंत्री का पद ही रद्द करो।
हर दिन मंत्रियों के वीडियो बाहर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री मौन हैं। उनकी रजाई में समाने के लिए ‘रजाई ओढ़ने वाले मंत्री’ यह नया विभाग शुरू करना चाहिए। यह संस्कृति नहीं।
हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा को निशाने पर लेते हुए ठाकरे ने कहा कि वंदे मातरम् को 150 वर्ष हुए। उस गीत पर आज संसद में चर्चा होना अनुचित है। भाजपा का वंदे मातरम मतलब, ‘वन डे मातरम’ सिर्फ एक दिन का। बाकी 364 दिनों में भारत माता की पीड़ा की उनको चिंता नहीं।
गृह मंत्री शाह पर उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी में गोमांस खाने वाले नेता खुलेआम हैं। किरेन रिजिजू स्वयं मानते हैं। शाह उन्हीं के साथ भोजन करते हैं, तब हिंदुत्त्व कहां जाता है? दिल्ली के झंडावाला के पास मंदिर गिराने का मुद्दा उठाते हुए वे बोले कि तब हिंदुत्व कहां गया था।
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उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री, देश के गृहमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री को ‘एनाकोंडा’ वाले बयान पर राज्य के जलापूर्ति मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि उन पर बेवजह आरोप लगाना बंद करना चाहिए। खुद को आईने में देखें, क्या थे और क्या हो गए, यह याद रखना चाहिए।
महाजन बोले कि मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने एक मंदिर के मामले में जो निर्णय दिया, उससे कांग्रेस, डीएमके, अखिलेश यादव दुखी हुए होंगे, पर उद्धव ठाकरे को क्या हुआ था कि उन्होंने उस न्यायाधीश पर महाभियोग चलाने के लिए हस्ताक्षर किए। तुम्हारे तानों से अब जनता घृणा करने लगी।