
Mahagenco news (सोर्सः सोशल मीडिया)
Khaparkheda Project: महाजेनको प्रशासन द्वारा स्थानीय बेरोजगार युवकों के साथ किए जा रहे कथित अन्याय के विरोध में सांसद श्यामकुमार बर्वे ने तीव्र आंदोलन शुरू किया। महज दो घंटे के भीतर ही महाजेनको प्रबंधन को झुकना पड़ा। प्रबंधन ने 16 स्थानीय बेरोजगार युवकों को कॉन्ट्रैक्ट आधार पर नौकरी देने का लिखित आश्वासन दिया, जिसके बाद आंदोलन समाप्त किया गया।
गोंडेगांव खदान से खापरखेड़ा पाइप कन्वेयर परियोजना में घाटरोहणा क्षेत्र के 16 स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवकों को ठेका पद्धति से रोजगार नहीं दिया जा रहा था। इतना ही नहीं, आंदोलन करने पर ग्रामवासियों पर मामले भी दर्ज किए गए थे। गोंडेगांव खदान से महानिर्मिति खापरखेड़ा तक पाइप कन्वेयर के माध्यम से कोयले का परिवहन किया जाता है।
इस परियोजना में स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को प्राथमिकता देने की मांग घाटरोहणा के सरपंच किशोर बेहुने द्वारा लगातार की जा रही थी, लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसके चलते ग्रामवासियों ने आंदोलन शुरू किया, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने सरपंच समेत कुछ ग्रामीणों के खिलाफ मामले दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में भारी रोष फैल गया।
स्थानीय लोगों पर हो रहे अन्याय को देखते हुए सांसद श्यामकुमार बर्वे स्वयं मैदान में उतरे और घाटरोहणा में उनके नेतृत्व में जोरदार आंदोलन किया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलता और ग्रामवासियों पर दर्ज कथित झूठे मामले वापस नहीं लिए जाते, तब तक आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा।
बर्वे के नेतृत्व में कोयला कन्वेयर बेल्ट बंद कर आंदोलन किया गया, जिससे महाजेनको प्रशासन में हड़कंप मच गया। वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल आंदोलनकारियों से चर्चा की और कुछ ही घंटों में सांसद की सभी मांगें मान लीं। प्रबंधन ने अप्रैल 2026 तक 16 युवकों को नौकरी देने का लिखित पत्र दिया है तथा पुलिस के माध्यम से ग्रामवासियों पर दर्ज मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया है।
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इस आंदोलन में पूर्व मंत्री सुनील केदार, रश्मि बर्वे, कुंदा राऊत, राजू कुसुंबे, अर्चना भोयर, दिनेश ढोले, देवेंद्र गोडबोले, प्रकाश खापरे, मंगला निंबोने, नरेश बर्वे, दयाराम भोयर, दीपक भोयर, प्रफुल कावले, सरपंच किशोर बेहुने सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी शामिल हुए।






