नागपुर में कचरा संकलन (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur News: केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय द्वारा हाल ही में देशभर में स्वच्छता के लिए सिटी की रैंकिंग घोषित की गई जिसमें मनपा को रैंकिंग सुधारने में भले ही सफलता न मिली हो लेकिन अब रैंकिंग के लिए ही किए गए सर्वेक्षण को लेकर मनपा नाराजगी जता रही है। यहां तक कि इस संदर्भ में आपत्ति जताए जाने की जानकारी उजागर हो रही है।
सूत्रों के अनुसार मनपा को घर-घर से कचरा संकलन के लिए केवल 30 अंक हासिल हुए थे, जबकि उसका दावा है कि वर्तमान में इससे अधिक घरों से कचरा संकलन किया जा रहा है। यहां तक दलील दी जा रही है कि यदि घरों से कचरा संकलन नहीं हो रहा है तो कचरा कहां से निकलकर आ रहा है। इसके लिए मनपा द्वारा भुगतान भी किया जा रहा है। ऐसे में रैंकिंग प्रणाली पर असफलता का ठीकरा फोड़ा जा रहा है।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में कचरा संकलन को लेकर मनपा की ओर से बीवीजी और एजी एन्वायरो नामक कंपनियों की नियुक्ति की गई है। इन कंपनियों की कार्यप्रणाली को लेकर कई बार संगठनों और राजनीतिक दलों ने आपत्ति दर्ज कराई है। यहां तक कि मनपा मुख्यालय पर मोर्चे तक निकाले गए। हाल ही में केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय द्वारा घोषित रैंकिंग में मनपा को कचरा वर्गीकरण के लिए केवल 1 प्रतिशत अंक दिए गए।
एक ओर जहां राजनीतिक दलों द्वारा कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाया जा रहा है वहीं केंद्र सरकार के मंत्रालय की ओर से भी कम अंक दिए गए जिससे कचरा संकलन करने के लिए नियुक्त कंपनियों की वर्गीकरण प्रणाली पर भी संदेह जताया जा रहा है। इसके विपरीत भले ही कचरा वर्गीकरण के नाम पर कम अंक मिले हो लेकिन महानगरपालिका की ओर से इसे लेकर भी आपत्ति जताई जा रही है।
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केंद्र सरकार द्वारा लागू राष्ट्रीय स्वच्छता प्रतियोगिता, स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में नागपुर ने 10 लाख से अधिक जनसंख्या की श्रेणी में 27वां स्थान हासिल किया। नवी मुंबई, पिंपरी चिंचवड़, पुणे, ठाणे, नासिक, कल्याण, डोंबिवली, छत्रपति संभाजीनगर राज्य में नागपुर से आगे हैं। निश्चित ही नागपुर ने राज्य के 10 सबसे स्वच्छ शहरों में सम्मान जीता। मनपा ने शहर की स्वच्छता के लिए कई पहलुओं को लागू किया है।
यहां तक कि घरों से कचरा इकट्ठा करने के लिए 2 अलग-अलग कंपनियों को प्रत्येक 5 जोनों की जिम्मेदारी दी है। इसके बावजूद घरों से कचरा इकट्ठा करने के लिए केवल 30 प्रतिशत अंक मिले हैं, जबकि महानगरपालिका इन कंपनियों को करोड़ों का भुगतान कर रही है।