स्मार्ट मीटर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra News: महाराष्ट्र में चल रही स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट में लंबित है। इसी याचिका में एक हस्तक्षेप अर्जी दायर की गई है जिसमें महावितरण को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह बिना अनुमति और पूर्व सूचना के मीटर बदलने वाले महावितरण के कर्मचारी या उनके ठेकेदारों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करे।
यवतमाल के विदर्भ विद्युत ग्राहक संगठन के अध्यक्ष प्रशांत दर्यापुरकर ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। अब इसी याचिका में गोरेवाड़ा निवासी राजाबल इलमे ने हस्तक्षेप अर्जी दाखिल की है।
अर्जी के मुताबिक 17 जुलाई 2025 को गोरेवाड़ा के ग्रीनील्ड अपार्टमेंट्स में कुछ अज्ञात कर्मचारियों ने निवासियों की अनुमति या पूर्व सूचना के बिना पुराने बिजली मीटर हटाकर उनकी जगह टाइम ऑफ डे मीटर लगा दिए। यह काम करने वाले कर्मचारी अनजान थे जिससे सुरक्षा का मुद्दा भी सामने आया।
स्मार्ट मीटर लगाते समय निवासियों को कोई जानकारी नहीं दी गई और याचिकाकर्ता की ओर से यह भी बताया गया कि तकनीशियनों को भी इस नई प्रणाली की पूरी जानकारी नहीं थी।
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18 जुलाई 2025 को महावितरण में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद गिट्टीखदान पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की गई लेकिन पुलिस ने भी शिकायत दर्ज नहीं की।
इसी पृष्ठभूमि में राजाबल इलमे ने हस्तक्षेप अर्जी दायर कर बिना अनुमति के मीटर बदलने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिका में मोंटे कार्लो लिमिटेड को भी प्रतिवादी के रूप में शामिल करने की मांग की गई है। आवेदक की ओर से एडवोकेट सुदीप बदाना ने बहस की।
स्मार्ट मीटर एक डिजिटल उपकरण है जो बिजली या गैस की खपत को मापता है और यह जानकारी आपके ऊर्जा आपूर्तिकर्ता को वास्तविक समय में भेजता है। यह पारंपरिक मीटरों से अलग है, जो केवल खपत दर्ज करते हैं और उन्हें मैन्युअल रूप से पढ़ना पड़ता है। स्मार्ट मीटर दो-तरफ़ा संचार प्रदान करते हैं, जिससे आपूर्तिकर्ता और उपभोक्ता दोनों के लिए ऊर्जा उपयोग की निगरानी और प्रबंधन आसान हो जाता है।