वंदे भारत (फाइल फोटो)
Vande Bharat: रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाल ही में इंदौर पहुंचे नये रैक को अब दिल्ली भेजने का आदेश जारी किया गया है। यह रैक कुछ दिन पहले ही इंदौर पहुंचा था और रानी लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन पर इसका ट्रायल और मेंटेनेंस कार्य चल रहा था। लेकिन रेलवे बोर्ड ने अचानक निर्णय लेते हुए इसे दिल्ली रवाना करने का निर्देश दिया।
सूत्रों के मुताबिक, यह रैक इंदौर से दिल्ली के लिए भेज दिया गया है। राजधानी क्षेत्र में बढ़ती यात्री संख्या और रैक की मांग को देखते हुए रेलवे ने प्राथमिकता के आधार पर यह रैक दिल्ली भेज दिया।
उल्लेखनीय है कि करीब डेढ़ महीने पहले 10 अगस्त का प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन की गई ट्रेन 26101/02 पुणे-नागपुर (अजनी)- पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस बुकिंग शुरू होते ही पैक हो रही है। हर दिन ऐसा नजारा दिखने को मिल रहा है। इस रूट पर फिलहाल 8 कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस संचालित हो रही है। ट्रेन शुरू होते ही इसकी सीटें पूरी तरह भर जाती हैं और लंबी वेटिंग लिस्ट लग जाती है। साफ है कि इस वंदे भारत में टिकटों की इतनी मांग है कि यात्री महंगे किराये के लिए भी तैयार है।
इससे स्पष्ट है कि इस इस रूट पर 16 कोच वाली वंदे भारत यहां सफलता पूर्वक दौड़ सकती है। सवाल अब भी कायम है कि मुंबई-मडगांव- मुंबई वंदे भारत में त्योहारी सीजन को देखते हुए अतिरिक्त कोच जोड़े जा सकते हैं, तो नागपुर- पुणे वंदे भारत के कोच क्यों नहीं बढ़ाए जा रहे? क्या रेलवे बोर्ड जानबुझकर नागपुर-पुणे वंदे भारत को नजरअंदाज कर रहा है।
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खास बात है कि एक ओर पुणे और नागपुर रूट पर जहां ट्रेनों में बुकिंग बंद हो चुकी है। दूसरी ओर बस संचालकों ने मौके का फायदा उठाते हुए किराया आसमान से ऊंचा कर दिया है। वर्तमान में आनलाइन बुकिंग जांचने पर दोनों शहरों के बीच अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से चौथे सप्ताह के बीच किराया 5,000 रुपये से अधिक तक पहुंचाया जा चुका है। सरकार को यात्रियों की लूट नजर आने के बावजूद पुणे वंदे भारत में कोच बढ़ोतरी की जरूरत अनदेखी की जा रही है।