हनी ट्रैप मामला (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur Crime News: नागपुर शहर में हनी ट्रैप और ब्लैकमेलिंग का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक डॉक्टर को खूबसूरती के जाल में फंसाकर 2 करोड़ की खंडणी मांगने वाले एक ‘हनी ट्रैप’ गिरोह का क्राइम ब्रांच ने भंडाफोड़ किया। पुलिस ने अब तक इस मामले में 7 आरोपियों को दबोच लिया, जबकि 4 महिलाओं सहित 6 अन्य की तलाश जारी है।
गिरफ्तार आरोपियों में अजनी निवासी अश्विन विनोद धनविजय (39), नितिन सुखदेव कांबले (38), कुणाल प्रकाश पुरी (42), हुड़केश्वर निवासी रितेश उर्फ पप्पू मनोहर दुरुगकर (41), गोंदिया निवासी आशीष मधुकर कावडे (36) व अविनाश हेमराज साखरे (35) और नागपुर निवासी रविकांत कांबले शामिल हैं।
इनके अलावा बनगांव, आमगांव, जिला गोंदिया निवासी मोना गोपाल चिखलोंडे (45), आरुषी भालाधरे (28), शुभांगिनी बापू निंबुलकर (19), एक महिला पत्रकार के अलावा तहसील निवासी पठान (50) और रामटेककर (55) व्यक्ति शामिल हैं। सभी की सरगर्मी से तलाश जारी है। अरेस्ट आरोपियों को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सभी आरोपियों को 7 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
इस सनसनीखेज साजिश की शुरुआत सितंबर 2025 में हुई। पीड़ित डॉक्टर जब गोंदिया जिले के आमगांव में एक काम के सिलसिले में गए थे, तब इस संगठित गिरोह ने अपनी एक ‘हसीना’ को उनके पीछे लगा दिया। योजना के मुताबिक महिला ने डॉक्टर को अपने मोहजाल में फंसाया और कथित रूप से निजी पल का आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। वीडियो हाथ लगते ही गिरोह ने अपना असली रंग दिखाया।
आरोपियों ने खुद को पुलिस अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बताकर डॉक्टर को धमकाना शुरू कर दिया। उन्होंने धमकी दी कि यदि मुंहमांगा पैसा नहीं मिला तो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा और उन्हें बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में जेल भेज दिया जाएगा।
बदनामी और करिअर तबाह होने के डर से डॉक्टर ने शुरू में ऑनलाइन और कैश के माध्यम से कुल 1.78 लाख रुपये दे दिए लेकिन अपराधियों की भूख कम होने की बजाय बढ़ती गई। अपराधियों ने डॉक्टर से 2 करोड़ रुपये की खंडणी मांगी। वे लगातार वाट्सएप कॉल के जरिए कभी 60 लाख तो कभी करोड़ों की मांग कर रहे थे।
लगातार मिल रहीं धमकियों से तंग आकर डॉक्टर ने 18 दिसंबर 2025 को नागपुर पुलिस से संपर्क किया। क्राइम ब्रांच ने तुरंत हरकत में आते हुए सेंट्रल एवेन्यू रोड स्थित ‘होटल दर्शन टॉवर’ में जाल बिछाया। रकम लेने आये अश्विन, नितिन और कुणाल ने डॉक्टर के पास केवल 3 लाख रुपये देखकर धमकियां देना शुरू कर दिया और पैसा लेकर जाने लगे तो सादी वर्दी में तैनात पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।
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उनकी निशानदेही पर रितेश, आशीष और अविनाश को गिरफ्तार किया गया। सूत्रों के अनुसार, उक्त आरोपियों की गिरफ्तारी का पता चलते ही रविकांत सीने में दर्द की शिकायत लेकर हॉस्पिटल में भर्ती हो गया। हालांकि पुलिस ने जरूरी कार्रवाई करते हुए उसे हॉस्पिटल से ही अरेस्ट कर लिया। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में एक और नेता पर गाज गिर सकती है।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इस गिरोह के सदस्य खुद को ‘सामाजिक कार्यकर्ता’, ‘राजनीतिक नेता’ और ‘पत्रकार’ बताकर हनी ट्रैप के बाद ब्लैकमेल कर रकम वसूली करते थे। इनमें कुणाल एक बड़ी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा था और खुद को नेता बताता था, जबकि रविकांत यूट्यूब चैनल का पत्रकार है। संदेह है कि यह गिरोह अब तक दर्जनों रसूखदारों को अपना शिकार बना चुका है जो बदनामी के डर से सामने नहीं आए।
उल्लेखनीय है कि ऐसा ही मामला गड़चिरोली में भी सामने आया था जहां एक डॉक्टर से 5 लाख रुपये की खंडणी मांगी जा रही थी। इस मामले में पुलिस ने रविकांत समेत 5 लोगों को अरेस्ट किया था। फिलहाल पुलिस पकड़े गए आरोपियों के मोबाइल डेटा और बैंक खातों की पड़ताल कर रही है। नागपुर पुलिस ने अपील की है कि यदि कोई और भी इस गिरोह का शिकार हुआ है तो वे निडर होकर सामने आएं।