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नागपुर. एक बार फिर महाराष्ट्र विदेशी निवेश लाने में अव्वल रहा है. केन्द्र सरकार की गुरुवार को जारी एफीडआई की सूची में राज्य पहले क्रमांक पर है. राज्य ने 3 महीने में 28,868 करोड़ का विदेशी निवेश लाया. यह जानकारी उद्योग मंत्री उदय सामंत ने विधान परिषद में दी. अल्पकालीन चर्चा के दौरान शेकाप के विप सदस्य जयंत पाटिल, अभिजीत वंजारी, शशिकांत शिंदे, अंबादास दानवे, भाई जगताप प्रवीण दरेकर आदि ने खासकर रायगड जिले में उद्योगों के लिए कौड़ी के भाव में हजारों एकड़ जमीन किसानों से लेने के बाद भी 20-20 वर्ष तक उद्योग नहीं लगाने का मुद्दा उठाया.
मांग की गई कि जिन उद्योगों ने अपना काम अब तक शुरू नहीं किया वह जमीन किसानों को वापस की जाए. इस पर सामंत ने कहा कि 75 फीसदी जमीन उद्योगों ने निजी तौर पर खरीदी है और शेष जमीन जिलाधिकारी के माध्यम से अधिग्रहीत हुई है. प्राइवेट जमीनों के संदर्भ में सीएम व डीसीएम के साथ बैठक कर निर्णय लिया जाएगा और जिलाधिकारी से संबंधित जमीन को तत्काल किसानों को लौटाने के आदेश दिए जाएंगे.
सामंत ने आश्वस्त किया कि सरकार प्रकल्पग्रस्तों के साथ खड़ी है. उनकी हर समस्याओं के निराकरण के लिए बैठक लेंगे. स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए सभी को उद्योगों के प्रति अपना नजरिया बदलने की भी जरूरत है. सभी प्रतिनिधि मिलकर कार्य करेंगे तो वातावरण भी अनुकूल बनेगा. उन्होंने बताया कि नागपुर, अमरावती, संभाजीनगर एमआईडीसी में ट्रेनिंग सेंटर निर्माण करने का निर्णय लिया गया है जहां स्किल डेवलपमेंट कर आवश्यकता के अनुसार मैनपावर तैयार किया जाएगा.
15 जिलों में उद्योग भवन निर्माण के लिए 150 करोड़ खर्च किये जाएंगे. सभी जिलों में स्किल सेंटर शुरू किये जाएंगे. रोजगार निर्माण के लिए उद्योजक तैयार करने की जरूरत को देखते हुए मुख्यमंत्री कौशल्य विकास योजना के तहत 5016 युवाओं को रोजगार मिला था. अब 15 महीने में यह संख्या 13,500 हो गई है. विश्वकर्मा योजना को एक आंदोलन की तरह घर-घर पहुंचाने का कार्य किया जाएगा.