आवारा कुत्तों का झुंड (फाइल फोटो)
High Court reprimanded Municipal Corporation: नागपुर में आवारा कुत्तों को लेकर जहां सुप्रीम कोर्ट ने कड़े निर्देश जारी किए जा रहे हैं वहीं हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार मनपा ने 23 जिम्मेदार अधिकारियों के नामों का खुलासा किया। हालांकि फिलहाल इस संदर्भ में दिशानिर्देश तो जारी नहीं हुए है किंतु अगली सुनवाई के दौरान उचित दिशानिर्देश जारी होने की संभावना जताई जा रही है।
इसी बीच अब हाई कोर्ट के रुख को देखते हुए महानगरपालिका ने आवारा कुत्तों से निपटने के लिए कुछ उपाय करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार को आवारा कुत्तों की नसबंदी और रेबीज टीकाकरण पर समीक्षा बैठक ली गई जिसमें कई दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
शहर में आवारा जानवरों को संभालने और नियंत्रित करने के लिए ‘एबीसी (पशु जन्म नियंत्रण) कैंप’ की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर चर्चा की गई। वर्तमान में नागपुर में भांडेवाड़ी, गोरेवाड़ा और महाराजबाग में एबीसी कैंप कार्यरत हैं। पशुओं की नसबंदी प्रक्रिया को गति देने के लिए अधिक बुनियादी ढांचा बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया।
समीक्षा बैठक में अति. आयुक्त पंत, उपायुक्त राजेश भगत, दीपक सेलोकर, मुख्य स्वच्छता अधिकारी तथा पशु वैद्यकीय अधिकारी डॉ. गजेंद्र महल्ले, नितिन फुके, डॉ. सनी मगर, राहुल बाम्बोटकर, तस्सवू शेख, इफ्फात साबरी, गिलानी और अंजली वैद्य सहित कई अधिकारी व प्रतिनिधि उपस्थित थे। एबीसी और रेबीज विरोधी कार्यक्रमों में सुधार के लिए सहयोग और समर्थन प्राप्त करने हेतु अतिरिक्त आयुक्त द्वारा नागपुर पशु वैद्यकीय महाविद्यालय के अधिष्ठाता से बैठक लेने का निर्णय भी लिया गया।
बैठक के दौरान स्थानीय समुदायों को रेबीज की रोकथाम और टीकाकरण के बारे में शिक्षित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही शहर में कार्यरत तीनों एबीसी कैंप की प्रगति और प्रदर्शन की निगरानी के लिए एमएसयू के पशु वैद्यकीय अधिकारी को एबीसी कैंप का मासिक रिकॉर्ड रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
यह भी पढ़ें – …तो कब होंगे चुनाव? मनपा चुनाव का बिगड़ा टाइम टेबल, फिर टली प्रारूप प्रभाग रचना की घोषणा
अतिरिक्त आयुक्त पंत ने शहर में पालतू कुत्तों के पंजीकरण को बढ़ाने के लिए कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए; साथ ही जिन व्यक्तियों को कुत्ते ने काटा है उन तक चिकित्सा सहायता और रेबीज टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए मनपा के स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आशा कार्यकर्ताओं को सर्वेक्षण की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया।