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हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को लगाई फटकार, पूछा- क्यों बदले RTE के नियम

हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग से आरटीई के नियमों में बदलाव पर सवाल करते हुए 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने का आदेश दिया है। याचिका के अनुसार आरटीई के तहत वंचित, दुर्बल, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े छात्रों को 25 प्रश आरक्षित सीटों पर प्रवेश दिया जाता है।

  • By शुभम सोनडवले
Updated On: Jun 21, 2024 | 01:40 AM

बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ

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नागपुर. शिक्षा के अधिकार कार्यकर्ता वैभव आडके, राहुल शेंडे, वैभव कांबले और अनिकेत कुत्तरमारे ने आरटीई के नये नियमों को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग से आरटीई के नियमों में बदलाव पर सवाल करते हुए 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने का आदेश दिया है।

हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को कड़े शब्दों में फटकार लगाते हुए आदेश दिया कि यदि जवाब दाखिल नहीं किया गया तो शिक्षा सचिव से मुकदमे का खर्च वसूला जाएगा और यह रकम उनके वेतन से काट ली जाएगी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति नितिन सांबारे और न्यायमूर्ति अभय मंत्री के समक्ष हुई। याचिका के अनुसार आरटीई के तहत वंचित, दुर्बल, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े छात्रों को 25 प्रश आरक्षित सीटों पर प्रवेश दिया जाता है।

शिक्षा विभाग ने आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इसके तहत छात्रों को उनके निवास स्थान से एक किलोमीटर के दायरे में अनुदानित स्कूलों, सरकारी शालाओं, स्थानिक स्वराज संस्थाओं में प्रवेश दिया जाएगा। यदि उक्त विद्यालय उपलब्ध नहीं है तो स्वयं वित्तपोषित निजी विद्यालयों में प्रवेश दिया जायेगा। आरटीई के ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं। यदि यह नियम लागू हो गया तो छात्रों को काफी नुकसान होगा। याचिका में दावा किया गया है कि राज्य सरकार के नये नियम अवैध और अन्यायपूर्ण हैं।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था क्योंकि सरकार ने बार-बार जवाब दाखिल करने के अवसर के बावजूद अभी तक जवाब नहीं दिया, इस कारण उच्च न्यायालय ने शिक्षा सचिव को समन जारी किया। अगली सुनवाई 29 जून को तय की गई है। याचिकाकर्ताओं की एड। दीपक चटप ने पैरवी की।

High court on rte rules slams education department

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Published On: Jun 20, 2024 | 11:00 PM

Topics:  

  • High Court
  • Nagpur News

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