क्रेन की चपेट में आने से मजदूर की मौत।
नागपुर: ट्रक से सामान उतारते समय हाइड्रा क्रेन की चपेट में आने से एक मजदूर की मौके पर ही मौत होने की हृदयविदारक घटना बुधवार दोपहर एमआईडीसी इलाके से सामने आई। मृतक का नाम संतोष दुलीचंद मासुरकर, उम्र 46, अमरनगर, नीलदोह, हिंगना रोड निवासी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एमआईडीसी क्षेत्र में ब्राइट इंडस्ट्रीज नामक एक फैक्ट्री है। संतोष पिछले 10 वर्षों से इस फैक्ट्री में काम कर रहा था। दोपहर करीब 2 बजे लोहे की छड़ें लेकर एक ट्रक फैक्ट्री में पहुंचा।
फैक्ट्री गेट के सामने खड़े ट्रक से हाइड्रा क्रेन क्रमांक एमएच-40/बीजे-5429 की मदद से लोहे की छड़ उतारने का काम शुरू था। संतोष क्रेन के आगे चल रहा था और जंजीरों से बंधी छड़ों पर दिशा और संतुलन बनाए रखने का काम कर रहा था। इसी बीच अचानक संतोष का पैर फिसला और वह नीचे गिर गया। क्रेन चालक ने इस पर ध्यान नहीं दिया और उसने गाड़ी सीधे संतोष के ऊपर चढ़ा दी। क्रेन का पहिया संतोष के पैर से सिर पर चढ़ जाने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। चीख-पुकार मचने पर चालक ने तुरंत क्रेन रोक दी। सामने का दृश्य देखकर वह डर गया और वाहन वहीं छोड़कर भाग गया। बताया जाता है कि इस घटना के बाद अधिकारी भी फैक्ट्री को ताला लगाकर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलने पर संतोष की पत्नी अंजू और बेटा अनिकेत स्थानीय नागरिकों और पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आरोपी चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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संतोष पिछले कई वर्षों से फैक्ट्री में काम कर रहा था। इसके बाद भी मैनेजर ने उसे अस्पताल ले जाने की बजाय और पुलिस को सूचित किए बिना उन्होंने फैक्ट्री को बंद कर दिया और फरार हो गए। इससे संतोष के परिवार सहित नागरिकों में कंपनी के प्रति तीव्र आक्रोश फैल गया। नागरिकों ने मांग की कि चालक के साथ-साथ कंपनी प्रबंधन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए। जिम्मेदार सभी को घटनास्थल पर बुलाया जाना चाहिए, ऐसी मांग परिजनों ने की।
रिश्तेदारों सहित नागरिकों ने यह रुख अपनाया था कि जब तक वे नहीं पहुंचेंगे, वे शव को उठाने नहीं देंगे। इस बीच, घटना की जानकारी मिलने पर पूर्व जिला परिषद सदस्य राजू हरडे, मंगेश हरणे और प्रशांत पटले भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिवार को समझाने की कोशिश की और उनसे अनुरोध किया कि वे पुलिस को अपना काम करने दें।
संतोष घर में अकेला कमाने वाला था। उसके परिवार में पत्नी अंजू, एक बेटा अनिकेत और एक बेटी हैं। कमाने वाले सदस्य के चले जाने से परिवार तबाह हो गया है। उनके घर का कर्ताधर्ता चला गया। इसलिए प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नागरिकों ने प्रशासन से मासूरकर परिवार के लिए मुआवजे की मांग की है।