पदयात्रा में हर्षवर्धन सपकाल (सोर्स: एक्स@INCHarshsapkal)
Harshwardhan Sapkal On RSS: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी के नेतृत्व में दीक्षाभूमि से सेवाग्राम तक संविधान सत्याग्रह पदयात्रा का आरंभ हुआ। इस अवसर पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संघ के भी रावण की तरह 10 सिर हैं।
कांग्रेन नेता हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि विजयादशमी के दिन रावण के रूप में किसी व्यक्ति का दहन नहीं किया जाता बल्कि बुरी प्रवृत्ति का दहन किया जाता है। आज संघ के माध्यम से समाज व संविधान विरोधी प्रवृत्ति फैलाई जा रही है। उसके भी 10 सिर हैं और सबकी दिशाएं अलग-अलग हैं। दशहरा के दिन संघ की उस प्रवृत्ति का दहन होना चाहिए।
सोमवार को सुबह 6.30 बजे दीक्षाभूमि से पदयात्रा का आरंभ हुआ जिसमें कांग्रेस नेता सुनील केदार, शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे, पूर्व मंत्री राजेन्द्र मुलक, मविआ में शामिल घटक दल एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, शिवसेना उद्धव ठाकरे की नेता सुषमा अंधारे, सांसद श्यामकुमार बर्वे, अभिजीत वंजारी, नाना गावंडे, अतुल लोंढे, अश्विन बैस, प्रफुल गुडधे सहित अनेक नेता शामिल हुए। सपकाल ने कहा कि संविधान विरोधी संघ की प्रवृत्ति का समाज के सभी वर्गों ने विरोध करना चाहिए।
तुषार गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के जनसुरक्षा कानून को दहशतवादी कानून बताया। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ हम जनजागृति करने के लिए पदयात्रा निकाल रहे हैं। देश में लोकतंत्र, सामाजिक समता व न्याय व्यवस्था पर हमला करने का प्रयास हो रहा है। ऐसे सभी हालातों की जानकारी प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाना व संविधान की रक्षा के लिए खड़ा होना आवश्यक है।
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तुषार ने कहा कि डॉ. बाबासाहब आंबेडकर को अभिवादन कर दीक्षाभूमि से यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन दशहरा है। संघ का शताब्दी वर्ष भी शुरू हो रहा है। लोगों को संविधान पर कैसे हमला किया जा रहा है इसकी जानकारी पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय, शांति व लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा के लिए यह पदयात्रा निकाली है।
शिवसेना नेता सुषमा अंधारे ने कहा कि यह पदयात्रा सत्य के रास्ते चलते हुए तानाशाही को चुनौती है। आज संविधान पर कई तरह से आक्रमण हो रहा है जिसके खिलाफ लोगों को जगाना है। स्वायत्त संस्थाओं पर हो रहे कब्जे व लोकतंत्र पर होने वाले हमले को रोकने के लिए संघर्ष खड़ा होना चाहिए।