‘नवभारत’ के साथ मुख्य आयुक्त संदीप पुरी की बातचीत (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur News: 22 सितंबर से नई दरों का लाभ ग्राहकों तक पहुंच रहा है या नहीं इस पर पूरे तंत्र की पैनी नजर टिकी हुई है। जीएसटी विभाग भी अपने तंत्र का उपयोग कर ‘कर राहत’ पहुंचाने के लिए कार्यरत है। नागपुर जोन में भी ग्राहक-हित में कदम उठाए गए हैं। देशभर में 430 वस्तुओं पर विशेष नजर रखने को कहा गया है। जीएसटी, सेंट्रल एक्साइज एवं कस्टम के मुख्य आयुक्त संदीप पुरी ने यह बात कही।
‘नवभारत’ से चर्चा के दौरान पुरी ने कहा कि विभाग का पूर्ण प्रयास होगा कि दरों में जो कमी केंद्र सरकार ने की है उसे शत प्रतिशत ‘जमीन’ पर उतारा जाए। 54 वस्तुओं पर विभाग का टैक्स रिसर्च यूनिट नजर रखे हुए है। वृहद पैमाने पर निगरानी तंत्र का उपयोग किया जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द कर कटौती का लाभ आम जनता उठा सके।
उन्होंने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय भी इसे लेकर काफी गंभीर है। विभाग की ओर से सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) को अधिकृत किया गया है। डीओसीए.जीओवी.इन वेबसाइट भी जारी की गई है, ताकि एक आम पब्लिक भी इसके जरिए अपनी बात को केंद्र तक पहुंचा सके। एक शिकायत का सीधा मतलब है कि लाखों को न्याय दिलाना। पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमत को कम करने की पहल की है, इसलिए इसमें किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
पुरी ने कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार प्रत्येक की जेब में अतिरिक्त 10 फीसदी की बचत होगी। इससे लोगों के जीवनशैली में बदलाव आएगा। वे अधिक खर्च करने में सक्षम होंगे, इसलिए राजस्व में और वृद्धि होने की संभावना प्रबल है।
पुरी ने बताया कि पिछले वर्ष नागपुर जोन ने लगभग 22,000 करोड़ राजस्व के आंकड़े को पार किया था। चालू वित्त वर्ष में 25,000 करोड़ रुपये का टारगेट दिया गया है। उम्मीद है कि यह आंकड़ा हासिल कर लिया जाएगा। अगस्त माह तक विभाग को 9,543 करोड़ का राजस्व मिल चुका है। पिछले वर्ष इसी दौरान राजस्व 9,224 करोड़ रुपये था। स्पष्ट है कि 5 माह में 319 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। उम्मीद कर सकते हैं कि जीएसटी-02 के बाद भी यह सिलसिला जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि विदर्भ में मुख्य रूप से कोयला, सीमेंट और स्टील से राजस्व मिलता है। राजस्व देने वाले टॉप-10 में इन सेक्टर की कंपनियों का बोलबाला है। इस परंपरा में बदलाव आने की उम्मीद दिखाई दे रही है। राज्य सरकार जिस प्रकार से गड़चिरोली, चंद्रपुर और नागपुर में कंपनियां ला रही हैं, निश्चित रूप से राजस्व में कई गुना वृद्धि देखने को मिलेगा। टॉप-10 में कंपनियों में बदलाव आएगा और नई-नई कंपनियां इसमें शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि विदर्भ में एग्री उत्पाद को भी बढ़ावा देने की जरूरत है। इसी प्रकार अगर खनिज प्रसंस्करण उद्योग लाये जाते हैं तो भी विकास करने में काफी मदद मिल सकती है।
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फेक आईटीसी मामलों को थामने के लिए भी विभाग ने कई कदम उठाये हैं। इसके लिए एआई का भी सहारा लिया जा रहा है। इतना ही नहीं अब एक बार रिटर्न फाइल नहीं करने पर दोबारा फाइल करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इसी प्रकार आईटीसी डिमांड और पेमेंट का मिलान भी एआई के जरिए किया जा रहा है, ताकि मैच होने के बाद भी आईटीसी का दावा निकल सके। काउंटर चेक प्रणाली आने से काफी मामले सामने भी आ रहे हैं।