सरकार का कोयला उत्पादन बढ़ाने पर जोर। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: कोयला एवं खान केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने गुरुवार को कहा कि चूंकि भारत की ऊर्जा मांग तेजी से बढ़ रही है, इसलिए सरकार ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए कोयला उत्पादन बढ़ाने पर काम कर रही है। सरकार ने इस वर्ष 1 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों को विशेषकर गर्मियों के मौसम में बिजली की कमी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि लिथियम और तांबे जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की भारी मांग है, ऐसे में भारत अर्जेंटीना में महत्वपूर्ण खनिज ‘ब्लॉक’ का अधिग्रहण कर रहा है।
रेड्डी ने भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन में कोयला उद्योग के श्रमिकों को संबोधित किया। इसके पूर्व केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. के. बी. हेडगेवार के स्मारक पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत में ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है और कोयला हमारी ऊर्जा सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। सरकार इस वित्त वर्ष के लिए एक अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले 50 वर्षों के लिए कोयला उत्पादन बहुत महत्वपूर्ण है।’
उन्होंने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड की सभी सहायक कंपनियां ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आगामी ग्रीष्म ऋतु के मद्देनजर कोयले की आपूर्ति के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि भारत, चीन के बाद कोयले का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है तथा पड़ोसी देश के बाद सबसे बड़ा कोयला उत्पादक भी है।
उन्होंने कहा, ‘देश में 74 प्रतिशत से अधिक बिजली उत्पादन कोयला आधारित है। सरकार बिजली की कमी न हो, इसके लिए काम कर रही है और उसने इस साल एक अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है। पिछले साल से हमारे कोयला उत्पादन में वृद्धि हुई है और सरकार हर साल कोयला उत्पादन बढ़ाने पर काम कर रही है।’
मंत्री ने कहा कि सरकार कोयला आयात घटाने के लिए भी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, ‘देश अर्जेंटीना में महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक का अधिग्रहण कर रहा है।’ उन्होंने आगे कहा कि लिथियम और तांबे जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की भारी मांग है। रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए उन्हें उचित कोयला भंडारण के लिए कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है तथा किसानों का कल्याण, कोयला उत्पादन के लिए भूमि और कोयला खनन श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा है।
महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…
केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने कहा कि खड़गे और राहुल गांधी हार गए हैं, इसलिए वे कुछ भी बोलते रहते हैं। मुझे लगता है कि उनकी बातों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। ये दोनों नेता कुछ भी बोलते रहते हैं। इन लोगों की बातों पर न ही ध्यान दिया जाए, तो बेहतर रहेगा।
वहीं, पत्रकारों ने जब उनसे राहुल गांधी के महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने व्यंग्य कसते हुए कहा कि आप लोग तो महाराष्ट्र के पत्रकार हैं, तो क्यों नहीं जाकर राहुल गांधी को समझाते हैं कि महाराष्ट्र के चुनाव में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जानबूझकर चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक ढांचे पर आरोप लगा रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता जिस तरह से बेबुनियादी आरोप लगा रहे हैं, उसके बाद से इस पार्टी का स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है। इस पार्टी की साख अब पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है, ऐसी बात उन्होंने कही।
नागपुर में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हार और जीत होती रहती है। जब आप जीत जाते हैं, तो खुश होते हैं, लेकिन जब हार जाते हैं, तो आरोप लगाना शुरू कर देते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि आपको अपनी हार को भी स्वीकार करना चाहिए।
विजयवर्गीय ने कटाक्ष किया कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि मीठा-मीठा गप और कड़वा-कड़वा छोड़। जब आप चुनाव हार जाते हैं, तो चुनाव आयोग पर सवाल खड़े करना शुरू कर देते हैं। यह उचित नहीं है। अगर आप एक राजनेता हैं, तो आपको एक लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत अपनी हार और जीत दोनों ही स्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।