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नागपुर. नरखेड़ तहसील के नवेगाव रिठी परिसर में गोंडेगाव बांध मंजूर करने के लिए सूक्ष्म सर्वेक्षण कराने की मांग गोंडेगाव कुंडबाबा बांध कृति समिति ने की है. इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया गया है. बांध बनने से परिसर के 5,000 किसानों को लाभ मिलेगा. क्षेत्र में संतरा बगीचे अधिक हैं लेकिन पानी की कमी से कई बगीचे सूख रहे हैं.
यदि सिंचाई की सुविधा मिलेगी तो किसान अधिक संख्या में बगीचे भी लगाएगे. साथ ही गोंडेगाव, माणिकवाडा, येरला, इंदोरा, मायवाडी, परसोडी गावों में जल संकट की समस्या ने निजात मिलेगी. बांध निर्माण के लिए करीब ५५० हेक्टेयर जमीन ड वर्ग में होने से इसके मुआवजे की राशि भी कम होगी.
समिति सलाहकार प्रभाकर नांदेकर ने बताया कि १९६२ में बांध के लिए पहली बार सर्वेक्षण हुआ था. इसके बाद २०१५ में दोबारा सर्वेक्षण किया गया. इसमें साफ हो गया कि परिसर बांध बनाने के लिए उपयुक्त है लेकिन इसके लिए सूक्ष्म सर्वेक्षण करना आवश्यक है. इसके लिए सिंचाई विभाग ने ६,६४,२४० रुपये खर्च का अनुमान लगाया था लेकिन अब तक यह रकम मंजूर नहीं हो सकी. इस वजह से सूक्ष्म सर्वेक्षण का काम अटक गया. सूक्ष्म सर्वेक्षण के बिना अगली प्रक्रिया नहीं हो सकेगी. उस वक्त तत्कालीन पालक मंत्री ने नियोजन समिति से रकम मंजूर कराने के लिए सकारात्मक प्रतिसाद भी दिया था.
बांध के निर्माण से परिसर में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. साथ ही जल स्तर में भी बढ़ोतरी होगी. हर वर्ष गर्मी के सीजन में पानी का संकट बना रहता है. इससे जल संकट से भी राहत मिलेगी. सूक्ष्म सर्वेक्षण के लिए खर्च होने वाली निधि बहुत ज्यादा नहीं है. इसके बावजूद प्रशासन द्वारा देरी की जा रही है. एक ओर जहां विविध योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर सूक्ष्म सर्वेक्षण के लिए निधि नहीं दी जा रही है. समिति ने केंद्रीय मंत्री से इस मामले में विशेष ध्यान देने की मांग की है.