फुटाला फाउंटेन (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Futala Project Nagpur: सुप्रीम कोर्ट ने फुटाला पर फैसला देकर मार्ग प्रशस्त कर दिया है। आदेश के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी सक्रिय हुए। आदेश दिया जल्द से जल्द निर्माण करो। पब्लिक के लिए फाउंटेन खोलो। आदेश के बाद जब ‘जमीनी’ स्थिति जानी गई, तो पता चला कि इसमें कई ‘झोल’ कायम हैं। पानी के अंदर का केबल तो खराब ही हो गया है।
बदलने के लिए लाये गए केबल भी ‘सूर्य की रोशनी’ से खराब हो चुका है। इसी प्रकार मोटर से लेकर फाउंटेन के उपकरण तक में ‘जंग’ लग चुके हैं। स्पष्ट है कि लागत बढ़ेगी ही। इतना ही नहीं, इस प्रोजेक्ट पर कई एजेंसियां काम कर रही हैं।
कामों का ‘बंटवारा’ है, जिसके कारण भी परेशानियां हो रही हैं। यही कारण है कि अब इस बात पर विचार किया जा रहा है कि प्रोजेक्ट पूरी तरह से ‘मेट्रो’ के हवाले कर दिया जाए। इससे कार्य को गति देने में मदद मिल सकती है।
जानकारों ने बताया कि जब अधिकारी पहुंचे, तो पता चला कि बदलने के लिए लाए गए लाखों रुपये के केबल पड़े-पड़े खराब हो गये हैं। इसे दो वर्ष पूर्व लाया गया था। अधिकारियों ने इसे अच्छी जगह पर रखने तक की जहमत नहीं उठाई।
धूप में पड़े-पड़े यह केबल इतना खराब हो चुका है कि इसे पुन: पानी के अंदर प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है, भले ही इस केबल का अन्य स्थान पर उपयोग किया जा सके। पंप, मोटर भी नहीं चल रहे हैं। इन्हें भी दुरुस्त करना होगा या फिर बदलना होगा। इस पर भी विचार शुरू हो गया है।
अधिकारियों की मानें तो इस बात पर चर्चा जारी है कि किसी एक एजेंसी को पूरा कार्य सौंप दिया जाए। इससे कार्य को गति देने में मदद मिलेगी। इसके लिए मेट्रो को प्राथमिकता दी जा रही है। मेट्रो इस कार्य को पूरी तरह संभाल भी सकता है क्योंकि एनआईटी के पास इस वक्त काफी बड़े-बड़े काम आ गए हैं। मेट्रो भी इस कार्य को चुनौती के रूप में लेने को पूरी तरह से तैयार है।
जानकारों की मानें तो सबसे पहले फाउंटेन को शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद परफॉर्मिंग एरिया, गैलरी और फिर पार्किंग एरिया को प्राथमिकता के तौर पर आगे बढ़ाया जाएगा। इन सब कार्य के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मेट्रो की ओर से कार्य को शुरू भी किया गया है। कुछ एरिया की साफ-सफाई भी की गई है और उपकरणों की जांच की जा रही है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, मशीनों के खराब होने की जानकारी सामने आ रही है।
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यह कहा जा सकता है कि पहले किए गए निवेश पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। नए सिरे से तकनीकी उन्नयन करना ही होगा। अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही यह फाउंटेन जनता के लिए चालू हो जाएगा। महा मेट्रो और एनएमआरडीए सहित संबंधित प्राधिकरण शेष कार्यों को पूरा करने और तालाब में पानी के प्रदूषण के मुद्दों को हल करने के लिए काम कर रहे हैं।