नागपुर न्यूज
Nagpur News: फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों की जमीन हड़पने के मामले में राणा प्रतापनगर पुलिस ने भूमाफिया दिलीप ग्वालबंशी सहित 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। ज्ञात हो कि ग्वालबंशी शहर का सबसे चर्चित लैंड माफिया है। उसके खिलाफ जमीन हड़पने के अनेक मामले दर्ज हैं। उस पर नकेल कसने के लिए तत्कालीन सीपी व्यंकटेशम ने एसआईटी का गठन किया था और मोका भी लगाया गया था।
नया मामला शनिवारी, कॉटन मार्केट निवासी प्रमिला किशोर गायकवाड़ (54) की शिकायत पर दर्ज किया गया है। आरोपियों में ग्वालबंशी के अलावा छावनी निवासी काजी निसारुद्दीन नियाउद्दीन; बड़ी मस्जिद, कामठी निवासी खालिद नसीर अहमद अंसारी; इंदिरानगर, जाटतरोड़ी निवासी प्रदीप समर्थराव गायकवाड़; दिनेश शंकर जाधव और सावली, कलमेश्वर निवासी रवींद्र यादवराव तिड़के का समावेश है।
पुलिस के अनुसार प्रमिला के पिता शंकर जाधव ने मौजा गोरेवाड़ा में पटवारी हल्का नंबर 8 (अ) के खसरा क्र. 30/2 में 5.21 एकड़ और खसरा क्र. 31/2 में 1.51 एकड़ समेत कुल 6.72 एकड़ जमीन खरीदी थी। नवंबर 2005 में उनके पिता की मौत हो गई जिसके बाद प्रमिला, उनकी बहन सुशीला, भाई दिनेश, रमेश और मां सुशीला जमीन की हकदार थीं।
उन्होंने जमीन के 7/12 पर अपना नाम चढ़ाने के लिए आवेदन दिया तो पता चला कि पहले से ही इस जमीन पर दिलीप ग्वालबंशी का नाम चढ़ा है। परिवार के लोगों ने सरकारी कार्यालयों में पत्र व्यवहार करके जानकारी हासिल की। तब पता चला कि उनके भाई दिनेश ने मोहम्मद इमरान के साथ मिलीभगत करके उनका फर्जी नाहरकत प्रमाणपत्र बनाकर तीनों की जगह फर्जी व्यक्ति को खड़ा कर 2.51 एकड़ जमीन बेच दी है।
अधिक जांच में पता चला कि दिलीप ग्वालबंशी ने उनके पिता के नाम पर फर्जी पहचान पत्र बनाया। उनकी जगह रवींद्र तिड़के को कोतवालनगर स्थित दुय्यम निबंधक कार्यालय में खड़ा करके रजिस्ट्री सर्च फॉर ओवरसीज कंपनी के माध्यम से अपने नाम पर करवा ली। उनके पिता के वैध दस्तावेज उपलब्ध होने के बावजूद ग्वालबंशी ने पूर्व नगरसेविका सुमन तुमसरे के लेटरहेड पर रवींद्र के नाम पर दस्तावेज बनाए। बाद में रवींद्र तिड़के की मौत हो गई।
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फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पीड़ितों ने प्रकरण की शिकायत राणाप्रतापनगर पुलिस से की। पुलिस ने विविध धाराओं के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। वर्तमान में इस जमीन की कीमत 14 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इससे साफ है कि ग्वालबंशी ने शहर में अनेक जगहों पर जमीने हड़पी हैं। एसआईटी की जांच में कुछ मामले सामने आए लेकिन कुछ दब गए।