शिवसेना का आंदोलन (सौजन्य- नवभारत)
Nagpur Railway Station: नागपुर व अजनी रेलवे स्टेशन में गुंडागर्दी व वसूली के खिलाफ शिवसेना शहर प्रमुख नितिन तिवारी के नेतृत्व में सैकड़ों शिवसैनिक व स्टेशन परिसर में काम करने वाले कामगारों ने डीआरएम का घेराव किया। मोर्चा देखकर आरपीएफ के जवानों ने गेट बंद कर दिया था लेकिन गुस्साए कार्यकर्ताओं ने गेट पर भी धरना दिया।
अंतत: सदर पुलिस की मध्यस्थता में डीआरएम विनायक गर्ग ने शिष्टमंडल को कार्यालय में बुलाया। तिवारी ने रेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि नागपुर व अजनी रेलवे स्टेशनों में विविध कामों के ठेके बाहरी ठेकेदारों द्वारा लिए जाते हैं और अवैध रूप से किसी थर्ड पार्टी को चलाने के लिए दे दिए जाते हैं। उस थर्ड पार्टी का रेलवे से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं होता और वे लोकल माफिया और गुंडे होते हैं।
उनका क्राइम रिकॉर्ड होता है जिस कारण वे ठेका कर्मचारियों के अकाउंट पासबुक, एटीएम कार्ड अपने पास रखते हैं और उनका वेतन खुद निकालकर उनसे 6 से 8 हजार रुपये महीने की वसूली करते हैं। कामगार शिकायत करता है तो उसको गुण्डों के पिटवाया जाता है। लोहमार्ग पुलिस कार्रवाई नहीं करती। तिवारी ने मांग की कि गुंडा तत्वों को तत्काल स्टेशन से वर्जित किया जाए, अन्यथा स्टेशन में शिवसैनिक तैनात करेंगे और जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
डीआरएम गर्ग ने आरपीएफ कमांडेंट मनोज कुमार को ऐसे तत्वों को चिह्नित कर मामला दर्ज करने का आदेश दिए, साथ ही सीनियर डीएमई मोहित मंडलेकर को ठेकेदारों को लिखित नोटिस देकर ऐसे लोगों से वास्ता न रखने का निर्देश दिया।
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कामगारों का एडवांस वेतन सीधे एकाउंट में भेजने का आदेश दिया। गुंडा तत्वों से मिलीभगत रखने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। शिष्टमंडल में प्रीतम कापसे, मुन्ना तिवारी, राम कुकड़े, कार्तिक करोसिया, अब्बास अली, आशीष हाड़गे, भूपेन्द्र कठाने, कार्तिक करोसिया, ललित बावनकर, मुकेश सूर्यवंशी अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।