लाडकी बहिन योजना (फाइल फोटो)
Ladki Bahin Yojana: ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण’ योजना के तहत राज्य में ढाई लाख रुपये से कम आय वाली महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता मिल रही है। अब बिना मापदंड पूरे किए आवेदन करने वालों के आवेदन खारिज किए जा रहे हैं। हालांकि इसके बाद भी राज्य सरकार के खजाने पर दबाव बना रहेगा।
इतना ही नहीं, कैबिनेट के मंत्रियों में भी असंतोष है क्योंकि उनके धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। ठेकेदारों का भुगतान रुक गया है। चूंकि यह सरकार की क्षमता से बाहर है, इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों में कानाफूसी हो रही है कि नगर निगम, जिला परिषद, पंचायत समिति और नगर परिषद के चुनावों के बाद लाडली बहनों का लाड-प्यार बंद कर दिया जाएगा।
चर्चा है कि राज्य सरकार इस योजना को हमेशा के लिए बंद करके बिगड़े हुए वित्तीय संतुलन को ठीक करने के लिए जल्द से जल्द स्थानीय निकायों के चुनाव कराने को लेकर भी गंभीर है। राज्य में स्थानीय निकाय पिछले दो-चार वर्षों से प्रशासकों के हाथों में हैं। प्रशासक 29 नगर निगमों, 257 नगरपालिकाओं, 26 जिला परिषदों और 289 पंचायत समितियों की कमान संभाले हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य चुनाव आयोग काम पर लगा।
विपक्ष द्वारा इस बात को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि ये चुनाव होंगे या नहीं। कई लोग दिवाली के बाद चुनाव होने की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि कुछ का अनुमान है कि राज्य सरकार द्वारा विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में जनहित योजना की घोषणा के बाद जनवरी में चुनाव की घोषणा की जाएगी। हालांकि प्रशासन चुनावों की जल्दी में है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि प्रशासन में जल्दबाजी के कारण राज्य सरकार भी इस बार चुनावों को लेकर गंभीर है और लाडली बहनों को दी जाने वाली राशि का बोझ इसके पीछे मुख्य कारण है।
राज्य में सत्तारूढ़ महायुति जिला परिषद और नगर निगम चुनाव से पहले इस योजना को बंद करने का जोखिम नहीं उठा सकती। 1,500 से 2,100 रुपये देने की घोषणा के बावजूद सरकार अभी तक इसकी आपूर्ति नहीं कर पाई है। इससे भी प्यारी बहनों में नाराजगी है लेकिन यदि दी जा रही 1,500 रुपये की राशि भी बंद कर दी गई तो इस चुनाव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, इसलिए फिलहाल राज्य सरकार इस योजना को बंद करके असंतोष को और नहीं बढ़ाएगी। अधिकारियों के बीच चर्चा है कि चुनाव के बाद इस योजना का कोई भविष्य नहीं है।
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फिलहाल वित्तीय बोझ कम करने के लिए सरकार ने योजना का लाभ पाने वाली महिलाओं के आवेदनों की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया में कुछ नये नियम और शर्तें लागू की गई हैं जिनके कारण कई महिलाएं अयोग्य हो सकती हैं। सरकार की इन नई शर्तों के कारण आवेदनों की जांच प्रक्रिया और भी सख्त हो गई है। इससे भी असंतोष बढ़ने की संभावना है। दावा है कि नगर निगम चुनावों पर असर पड़ने की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार इसका भी समाधान तलाश रही है।
वार्ड का ड्राफ्ट प्लान 22 अगस्त को घोषित किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम ने प्रशासनिक भवन क्षेत्र में एक बड़े फ्रेम पर ड्राफ्ट प्लान लगाने की तैयारी कर ली है। ड्राफ्ट प्लान को जोन कार्यालय में भी लगाया जाएगा। 22 अगस्त से ही आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी।