महायुति (सौजन्य-एएनआई)
नागपुर: आगामी महानगर निगम चुनाव दिलचस्प होने जा रहे है। नागपुर शहर में भाजपा का एकछत्र राज है। इसलिए बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि महायुति में शामिल अन्य दो दलों के साथ कैसा व्यवहार होता है। राष्ट्रवादी अजित पवार गुट पहले ही 40 सीटें मांग चुका है। अब शिंदे गुट ने भी अपनी भौहें चढ़ा ली हैं और उसने भी 30-35 सीटों पर दावेदारी कर दी है।
पिछले दिनों पार्टी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नागपुर आए थे तो उन्होंने कथित तौर पर पदाधिकारियों को आत्म-मूल्यांकन करने का निर्देश दिया था। मनपा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। अदालत के फैसले के बाद सभी पक्ष उत्साह से भर गए हैं। पिछले डेढ़ दशक से मनपा में भाजपा सत्ता में रही है। दो बार उसने अन्य छोटी पार्टियों और निर्दलीयों को भी अपने साथ ले लिया था।
हालांकि, 2019 में उसके 108 नगरसेवक चुने गए। उसके बाद लोकसभा और विधानसभा में मिली जीत और शहर में पार्टी के मजबूत संगठन को देखते हुए भाजपा अन्य दलों को कोई छूट देने के मूड में दिखाई नहीं दे रही है। चूंकि राज्य में सत्ता के लिए महायुति में दो और दल हैं, इसलिए इस पार्टी को भी अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए कुछ जगह चाहिए।
यह संभावना नहीं है कि भाजपा उन्हें उनकी मांग के अनुसार सीटें देगी। इसीलिए महायुति में शामिल दोनों दल चुनाव से पहले ही दबाव बढ़ा रहे हैं। अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी पार्टी (एनसीपी) ने दो दिन पहले ही सीट को लेकर अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया था। अब शिंदे गुट ने भी आक्रामक रुख अपना लिया है। शिंदे सेना गुट का मानना है कि पार्टी के पास शहर की 30-35 सीटों के लिए मजबूत उम्मीदवार हैं।
इसके अलावा कई पूर्व पार्षद और अन्य पार्टियों के पदाधिकारी भी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। विभाग प्रमुख और बूथ प्रमुख काफी समय से इन चुनावों का इंतजार कर रहे थे। चूंकि कार्यकाल पांच वर्ष का है, इसलिए कई लोगों ने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। सोमवार से होने वाली पार्टी की बैठक में इसकी पुष्टि की जाएगी।
शिंदे गुट के पदाधिकारियों का मानना है कि भाजपा को झुकना पड़ेगा क्योंकि महायुति में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा मांगी गई सीटों की तुलना में वह राज्य में सत्ता में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। चूंकि पार्टी प्रमुख की भी यही भूमिका है, इसलिए पार्टी नेता अब शहर में चुनाव की तैयारियां शुरू कर रहे हैं। प्रारंभ में शहर के अधिकारियों, विभाग प्रमुखों और बूथ प्रमुखों के साथ बैठकें होंगी। इसके बाद राज्य के अन्य पार्टी नेता और आयोजक इसमें भाग लेंगे। यह चुनाव स्थानीय स्तर पर पार्टी की ताकत प्रदर्शित करने के लिए है। इसलिए पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पार्टी इस चुनाव को गंभीरता से देख रही है।