बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच (सोर्स-सोशल मीडिया)
नागपुर: कोरोनाकाल में मनपा में ड्यूटी के दौरान कोरोना से ग्रसित होने के बाद पत्नी उषाकिरण किचारे की मृत्यु हो गई। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा 4 अगस्त 2021 को जारी अधिसूचना के आधार पर ‘कोरोना योद्धा’ श्रेणी के अनुसार 50 लाख रुपए अनुग्रह राशि प्रदान करने का आदेश देने का अनुरोध कर पति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
याचिका पर दोनों पक्षों की लंबी दलीलों के बाद कोर्ट ने अधिसूचना के अनुसार कोरोना से निपटने की ड्यूटी में शामिल नहीं होने का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता को लाभार्थी मानने से साफ इनकार कर दिया। साथ ही याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता की ओर से अधि। कालबांडे और मनपा की ओर से अधि। जैमिनी कासट ने पैरवी की।
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याचिकाकर्ता ने 4 अगस्त 2021 की अधिसूचना के अनुसार भले ही 50 लाख का लाभ प्रदान करने की मांग की हो लेकिन याचिकाकर्ता के दावे पर मनपा की पैरवी कर रहे अधि। जैमिनी कासट ने आपत्ति दर्ज कराई। कोर्ट को बताया कि 9 मार्च 2021 तक याचिकाकर्ता की पत्नी केंद्रीय कोविड नियंत्रण कक्ष में कोविड ड्यूटी पर थी। हालांकि 10 मार्च 2021 से उसे उसके मूल विभाग जनस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (जलापूर्ति विभाग) में वापस भेज दिया गया था जहां याचिकाकर्ता की पत्नी ने 5 अप्रैल 2021 तक कार्य किया।
इसी दौरान 11 अप्रैल 2021 को कोरोना के लक्षण होने से उसकी जांच की गई जिसमें वह पॉजिटिव भी पाई गई। 14 अप्रैल 2021 को उसकी मृत्यु हो गई। ऐसे में अधिसूचना के अनुसार जिस दिन याचिकाकर्ता की पत्नी कोरोना से पॉजिटिव पाई गई उस दिन से 14 दिनों की अवधि के भीतर वह कोविड ड्यूटी पर काम नहीं कर रही थी।
सुनवाई के दौरान अधि। जैमिनी कासट ने जलापूर्ति विभाग के 10 मार्च 2021 को उपस्थिति रजिस्टर (मस्टर रोल) की एक प्रति कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई। याचिकाकर्ता के वकील कालबांडे ने कहा कि मनपा के क्षेत्रिय चिकित्सा अधिकारी ने कोरोना से मृत्यु का प्रमाणपत्र जारी किया है। प्रमाणपत्र में कहा गया कि मृतक की ड्यूटी केंद्रीय कोविड नियंत्रण कक्ष में थी।
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इस संदर्भ में कोर्ट का मानना था कि जो प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया गया उसमें न तो वह तारीख है और न ही उसके कार्य को दर्शाता है। ऐसे में इसे संज्ञान में नहीं लिया जा सकता है। अधिवक्ता कालबांडे ने कोविड नियंत्रण कक्ष के मस्टर रोल पर किसी तरह की आपत्ति भी दर्ज नहीं की। यहां तक कि याचिकाकर्ता की पत्नी के 10 मार्च 2021 के बाद कोविड नियंत्रण कक्ष के मस्टर रोल पर हस्ताक्षर भी नहीं हैं। इसके विपरीत वह 10 मार्च 2021 के बाद से जलापूर्ति विभाग में ड्यूटी पर उपस्थित हुई है। इस तारीख के बाद वह कोविड ड्यूटी पर नहीं थी। अत: कोर्ट ने याचिका खारिज करने के आदेश जारी किए।