हर्षवर्धन सपकाल और सुनील केदार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Congress Interview Cancelled: निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों से जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा जिला चयन मंडल के नाम पर 7 नवंबर को इंटरव्यू लिये थे। जिलाध्यक्ष अश्विन बैस ने इसके लिए बैठक बुलाई थी जिसमें जिले के दिग्गज कांग्रेस नेता सुनील केदार, राजेन्द्र मुलक, सुरेश भोयर आदि ने साक्षात्कार लिया था। 3-3 उम्मीदवारों के पैनल की सूची प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजने की जानकारी भी दी गई थी लेकिन उस इंटरव्यू को प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने रद्द घोषित कर दिया है।
इसके बदले अब 12 नवंबर को प्रभारी निरीक्षक और विधानसभा निरीक्षकों की उपस्थिति में राज्य चयन कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी, साथ ही 13 नवंबर को दोपहर 12.30 बजे राज्य चयन कमेटी के सामने इच्छुक उम्मीदवारों के इंटरव्यू लिए जाएंगे। इस संबंध में 11 नवंबर को प्रदेश कमेटी की ओर से जिलाध्यक्ष अश्विन बैस को पत्र भेजा गया है। प्रदेशाध्यक्ष के इस आदेश को सुनील केदार के लिए तगड़ा झटका बताया जा रहा है।
बताते चलें कि जिले की नगर पंचायत और नगरपालिका चुनावों के लिए जिला कांग्रेस ने 7 नवंबर को इच्छुकों को बुलाकर इंटरव्यू पूरे कर लिए थे लेकिन इस प्रक्रिया की कोई जानकारी प्रदेश कांग्रेस द्वारा नियुक्त जिला और विधानसभा निरीक्षकों को नहीं थी। इसके अलावा शिष्टाचार और नियमों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस और अन्य गठबंधन के पदाधिकारी भी उपस्थित नहीं थे। कांग्रेस के दूसरे गुट ने इसकी शिकायत प्रदेश कांग्रेस से की और बताया कि केवल केदार गुट के कार्यकर्ताओं के ही इंटरव्यू लिए गए हैं।
शिकायत के तुरंत बाद ही प्रदेशाध्यक्ष ने निरीक्षकों को भेजकर उस बैठक को अवैध घोषित किया था। बावजूद इंटरव्यू की प्रक्रिया जारी रखी गई और इच्छुकों के वार्डवार पैनल बनाकर प्रदेश कांग्रेस को भेजे गए लेकिन प्रदेश कांग्रेस ने पत्र भेजकर जिलाध्यक्ष बैस को कड़ी फटकार लगाई। कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एड। गणेश पाटिल ने पत्र भेजा है।
यह भी पढ़ें – नागपुर मनपा चुनाव: गुड्धे-भोयर-बोरकर को आरक्षण का झटका, तिवारी-पांडे-मेश्राम सेफ, 28 सीटों के बदले समीकरण!
पत्र में 12 नवंबर को औपचारिक बैठक और 13 नवंबर को इंटरव्यू लेने के निर्देश दिए गए हैं। इससे संकेत मिलते हैं कि बुधवार की बैठक में राज्य चयन बोर्ड के सदस्य जिला कांग्रेस को आवश्यक दिशानिर्देश देंगे और गुरुवार को इंटरव्यू प्रक्रिया तय की जाएगी। इसके लिए जिला कांग्रेस को निर्देश दिया गया है कि वे इच्छुकों को दस्तावेजों के साथ पुनः बुलाएं।
पूर्व मंत्री सुनील केदार जिले में कांग्रेस के प्रमुख नेता माने जाते हैं। आम तौर पर उनके निर्देशों का कांग्रेस नेता विरोध नहीं करते। पिछली जिला परिषद, पंचायत समिति, नगर पंचायत और नगर पालिका चुनावों में उन्हें स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की छूट दी गई थी। लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने यही तरीका अपनाया। विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने स्वयं निर्णय लिया। उनके नेतृत्व में पार्टी का जिले में दबदबा बना हुआ है लेकिन प्रदेश नेतृत्व में बदलाव के बाद शिष्टाचार का पालन करते हुए प्रदेशाध्यक्ष सपकाल ने केदार को झटका दिया है।