एमओयू पर हुए हस्ताक्षर (सौजन्य-एक्स)
नागपुर: बालासाहब ठाकरे गोरेवाड़ा अंतरराष्ट्रीय प्राणी संग्रहालय में अब ‘अफ्रीकन सफारी’ का अनुभव लिया जा सकेगा। इस संबंध में एफडीसीएम गोरेवाड़ा जू लिमिटेड और नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी-इंडिया) के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और वन मंत्री गणेश नाईक की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस संबंध में मंगलवार को विधान भवन, मुंबई के समिति सभागार में बैठक का आयोजन किया गया था। एनबीसीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक केपीएम स्वामी, कार्यकारी निदेशक प्रवीण डोईफोडे, महाराष्ट्र वन विकास महामंडल के प्रबंध निदेशक नरेश झुरमुरे और एफडीसीएम गोरेवाड़ा जू लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्रशेखरन बाला ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर वन विभाग के अपर मुख्य सचिव मिलिंद म्हैसकर और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव विकास खड़गे भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गोरेवाड़ा जू में अफ्रीकन सफारी शुरू करने के निर्देश दिए थे। उसी के अनुसार यह सफारी और प्रवेशद्वार पर प्लाजा विकसित किया जाएगा।
इस परियोजना के अंतर्गत गोरेवाड़ा प्राणी संग्रहालय की लगभग 63 हेक्टेयर भूमि पर अफ्रीकन सफारी विकसित की जाएगी जिसमें लगभग 22 अफ्रीकी प्रजातियां शामिल होंगी। साथ ही, प्रवेशद्वार (एंट्री प्लाजा) का भी निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना लगभग 285 करोड़ की लागत से 18 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सफारी के पूरा होने के बाद नागपुर एक प्रमुख प्राणी पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा जिससे पर्यावरण जागरूकता और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
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अफ्रीकन सफारी के लिए अफ्रीका से वन्यजीवों को लाया जाएगा। इनमें स्पॉटेड हाइना (धब्बेदार लकड़बग्घा), वाइट हॉर्न राइनो (सफेद सींग वाला गेंडा), पाटस बंदर, रेड रिवर हॉग, अफ्रीकी शेर, चिंपांज़ी, हमाड्रायस बबून, चीता, शुतुरमुर्ग, दरियाई घोड़ा, इम्पाला हिर, जेम्सबॉक, कॉमन ईलैंड, ब्लू वाइल्डबीस्ट, जिराफ, बर्चेल्स जेब्रा और कुडू समेत अन्य जानवरों का समावेश होगा।