बिजली हुई सस्ती, एफएसी हुआ शून्य (सौ. सोशल मीडिया)
Electricity Became Cheaper: राज्यभर में पिछले काफी समय से बिजली बिल को लेकर विरोधाभास की स्थिति चल रही थी। उद्योग जगत नाराज था। वहीं बिजली कंपनियां अपने निर्णय को सही साबित करने में तुली थीं। विवाद इतना बढ़ा कि एमईआरसी से होते हुए मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया था। इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मामले की समस्याओं को दूर करने का भरसक प्रयास किया। इन सब बातों के बीच उद्यमियों को अक्टूबर में राहत मिली है।
महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी (एमएसईडीसीएल) ने एक सर्कुलर जारी कर फ्यूल एडमेंट चार्ज (एफएसी) को शून्य करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद अक्टूबर माह का बिल काफी कम हो गया है। उद्योग पर प्रति यूनिट 50 पैसे का एफएसी लिया जा रहा था। इसी प्रकार आवासीय क्षेत्र के लिए यह शुल्क 95 पैसे प्रति यूनिट तक था। कमर्शियल में भी यह शुल्क 90 पैसे प्रति यूनिट तक वसूल किया जा रहा था। ऐेसे में उम्मीद की जा रही है कि कमर्शियल और आवासीय क्षेत्र के कुछ वर्ग में बिजली दरें 1 रुपये प्रति यूनिट से भी कम हो सकती हैं।
एआईडी के उपाध्यक्ष गिरधारी मंत्री ने बताया कि इस मुद्दे को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने उठाया गया था। उन्होंने क्षेत्र के जानकारों के साथ मिलकर स्थिति का गंभीरता से अध्ययन किया और फिर विभाग को उचित कदम उठाने का निर्देश दिया था। इसके बाद अक्टूबर के बिल में इसे कम करने में सफलता मिली है। इस मुद्दे के लिए उद्योग क्षेत्र के कई संगठनों ने भी लंबी लड़ाई लड़ी है। आज उन्हें सफलता मिल गई है। राज्य में सही मायने में बिजली की दर सस्ती हो गई है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार सोलर से जुड़े मुद्दे पर भी उद्योग को बड़ी राहत मिली है। पूर्व के नियम-कानून को दोबारा बहाल कर दिया गया है। इससे दोबारा सोलर उद्योग को नई जान मिल गई है। इतना ही नहीं मुंबई हाई कोर्ट ने भी टैरिफ से जुड़े मामले में स्टे दिया है। इससे भी ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने एमईआरसी को इस पर पुनर्विचार करने को कहा है और सुप्रीम कोर्ट में जाने तक की इजाजत दे दी है। एफएसए काफी समय से लगाया जा रहा था। सितंबर में इसे काफी बढ़ा दिया गया था जिसके बाद विरोध के सुर बढ़ गए थे लेकिन अब अधिकांश ग्राहकों को काफी राहत मिल गई है।
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