बोगस कास्ट वैलिडिटी देने वाले 2 अधिकारी निलंबित (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Buldhana Inquiry: विमुक्त जाति (अ) प्रवर्ग के बोगस जाति वैधता प्रमाणपत्र जारी किए जाने के मामले में बुलढाणा जिले की जाति-पड़ताल समिति की तात्कालीन उपायुक्त वृषाली शिंदे और अनुसंधान अधिकारी अनीता राठोड़ को निलंबित किए जाने की घोषणा समाज कल्याण मंत्री संजय शिरसाट ने विधान परिषद में की। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि विधायक राजेश राठोड़ पर हुए जानलेवा हमले की पुलिस जांच कराई जाएगी तथा दोषियों पर फौजदारी मामला दर्ज किया जाएगा।
विधायक राजेश राठोड़ ने मुद्दा उठाते हुए बताया कि बुलढाणा जिले में 50 कास्ट वैलिडिटी प्रकरणों की जांच में 48 प्रमाणपत्र बोगस पाए गए थे। जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट दो वर्ष पूर्व भेजे जाने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बोगस प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरियां हासिल की जा रही हैं, जिससे विमुक्त जाति के वास्तविक लाभार्थियों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला उठाने पर उन पर दो बार जानलेवा हमला किया गया।
जवाब में मंत्री शिरसाट ने स्वीकार किया कि प्रमाणपत्र मंजूरी के दौरान समिति की अधिकारी शिंदे और राठोड़ ने गलतियां कीं तथा उनकी विभागीय जांच भी हो चुकी है। लेकिन समिति के तात्कालीन अध्यक्ष और चयन श्रेणी के अतिरिक्त जिलाधिकारी आर. गगरानी वर्ष 2019 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इसलिए विभागीय जांच संभव नहीं है।
उनके इस बयान पर कई सदस्य नाराज हो गए। शिवसेना (यूबीटी) के सदस्य अनिल परब ने कहा कि दोषी अधिकारियों को बचाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। भले ही गगरानी सेवानिवृत्त हों, परंतु दोष सिद्ध होने पर उनका पेंशन रोका जाए और उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई हो।
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मामला गरम होता देख सभापति राम शिंदे ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि मामला वर्ष 2012 का है और जांच की सभी रिपोर्ट उपलब्ध हैं। विधायक पर हमला हुआ है, इसलिए पुलिस में मामला दर्ज होना आवश्यक है। अंततः मंत्री शिरसाट ने घोषणा की कि जिला जाति-पड़ताल समिति की तात्कालीन उपायुक्त वृषाली शिंदे तथा अनुसंधान अधिकारी अनीता राठोड़ को निलंबित किया जा रहा है।
साथ ही गगरानी की सेवानिवृत्ति वेतन से संबंधित जानकारी की जांच की जाएगी। विधायक राठोड़ पर हुए हमलों का इस प्रकरण से संबंध है या नहीं, इसकी भी जांच की जाएगी और संबंध पाए जाने पर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।