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नागपुर में सैकड़ों बांग्लादेशियों की घुसपैठ! बौद्ध भिक्षु बनकर बनाए फर्जी दस्तावेज, पुलिस-ATS और खुफिया विभाग को नहीं खबर

  • By navabharat
Updated On: Sep 22, 2023 | 06:30 AM

Representational Purpose Only: PTI Photo

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नागपुर. शहर में सैकड़ों की संख्या में बांग्लादेशी नागरिक रह रहे हैं. कई लोगों ने तो स्थानीय निवासी होने के दस्तावेज भी हासिल कर लिए हैं. आश्चर्य की बात यह कि पुलिस, एटीएस और खुफिया विभाग का इस ओर ध्यान नहीं गया. फर्जी पासपोर्ट के आधार पर हैदराबाद से विदेश जाने का प्रयास कर रहे एक बांग्लादेशी को इमिग्रेशन विभाग ने पकड़ा था. वहां से पुख्ता जानकारी मिलने के बाद स्थानीय सुरक्षा एजेंसी काम पर लगी.

बताया जाता है कि न सिर्फ नागपुर से बल्कि भोपाल और अन्य शहरों से भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बोगस पासपोर्ट बनाए गए. इस मामले में पुलिस एकता सोसाइटी, कामगारनगर निवासी पलाश बिपन बरुआ उर्फ पलाश बिपन चौधरी (40) को गिरफ्तार किया गया था. अब मामले की सुई भोपाल में जाकर अटकी है.

बताया जाता है कि बरुआ के 5 से 6 साथियों ने भोपाल से अपने पासपोर्ट बनाए थे. इस फर्जीवाड़े में भोपाल के रीजनल असिस्टेंट पासपोर्ट अधिकारी को भी आरोपी बनाने की तैयारी पुलिस ने कर ली है. इस अधिकारी से लगातार पूछताछ हुई है जिसमें पता चला कि आरोपी बांग्लादेशियों के संपर्क में था. उसने एक पासपोर्ट बनाने के लिए 10,000 रुपये लिए थे. आश्चर्य की बात यह है कि रिश्वत की रकम उसने बांग्लादेशियों से यूपीआई पेमेंट द्वारा भी ली है. उसके खिलाफ पुख्ता सबूत सामने आने के कारण सिटी पुलिस ने पूछताछ के लिए नागपुर बुलाया. घंटों तक हुई जांच में उसका बयान भी दर्ज किया जा चुका है. 

22 बांग्लादेशियों के बने थे पासपोर्ट 

जानकारी के अनुसार बांग्लादेशियों के इस गिरोह में सबसे पहले पलाश ही भारत में अवैध तरीके से घुसा था. वर्ष 2012 में सीमा पार करके भारत में आया. तब से वह नागपुर में बौद्ध भिक्षु बनकर रह रहा था. पीली नदी परिसर में एक बौद्ध विहार में भिक्षु बनकर रहा. इसी दौरान उसने बौद्ध विहार के दस्तावेज और लेटर हेड हासिल कर लिए. वहीं के पते पर अपना फर्जी पासपोर्ट तैयार किया. इसके बाद भिक्षु बनकर थाईलैंड भी घूमने गया. विदर्भ के अलग-अलग जिलों में होने वाले बौद्ध सम्मेलनों में हिस्सा लिया. इसी बीच उसके करीब 22 बांग्लादेशी के नागपुर आने का पता चला है. वर्ष 2012 से 2016 के बीच यशोधरानगर और जरीपटका थाना क्षेत्र से 6 बांग्लादेशियों द्वारा पासपोर्ट बनाने की जानकारी सामने आई है. बाकायदा आरोपियों ने मकान मालिक के इलेक्ट्रिक बिल व अन्य दस्तावेजों के जरिए पहले आधार कार्ड बनवाया. इसके बाद उनका पासपोर्ट भी बन गया. यदि भोपाल के पासपोर्ट अधिकारी ने लापरवाही की तो निश्चित ही नागपुर में भी सेटिंग करके ही पासपोर्ट बनाया गया होगा. अब देखना ये है कि इस प्रकरण में और कितने लोगों की भूमिका सामने आती है. 

…और बन गया जिम ट्रेनर

पलाश वर्ष 2015 से 2018 के बीच कामठी के बौद्ध विहार में भिक्षु बनकर काम कर रहा था.  वर्ष 2018 के बाद अचानक ही उसने भिक्षु का वेश छोड़ दिया और जरीपटका परिसर में स्थित एक जिम में काम करने लगा. बताया जाता है कि इसी तरह भिक्षु बनकर और भी बांग्लादेशियों ने स्थानीय दस्तावेज तैयार किए और बाद में अलग-अलग शहरों में नौकरी के लिए चले गए.

ज्ञात हो कि अगस्त 2018 में भी सिटी पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने गिट्टीखदान थाना क्षेत्र से 4 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया था. चारों बौद्ध भिक्षु बनकर ही शहर में रह रहे थे. पकड़े गए आरोपियों में रॉकी बिमल बरुआ उर्फ रॉकी चौधरी (26), सुदर्शन नयन बरुआ उर्फ नयन सुमन तालुकदार (30), विप्लव शिशिर बरुआ उर्फ विप्लव शिशिर तालुकदार (34) और प्रदीप चितरंजन बरुआ उर्फ नंदन उर्फ नंदप्रिय तपन बरुआ (28) का समावेश था. ये सभी पलाश के ही चिट्टग्राम जिले के ही रहने वाले थे. आश्चर्य की बात यह है कि पहले भी इस तरह प्रकरण सामने आने के बावजूद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क नहीं हुईं.

Bangladeshi citizens in nagpur made fake documents by posing as a buddhist monk

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Published On: Sep 22, 2023 | 06:30 AM

Topics:  

  • Buddhist Monk
  • Nagpur News

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