(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Nagpur Municipal Corporation Elections: नागपुर के आसीनगर जोन अंतर्गत आने वाले प्रभाग 6 में वर्ष 2017 के चुनाव में बसपा का दबदबा रहा है। परंपरागत प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस और भाजपा के पास कोई भी पूर्व पार्षद नहीं था। यही कारण है कि पूरे 5 वर्ष में विकास निधि के वितरण में भेदभाव होने का आरोप बसपा के पूर्व पार्षद जितेन्द्र घोडेस्वार ने लगाया।
चारों पूर्व पार्षदों का मानना है कि भले ही निधि मिलने में कठिनाई रही हो लेकिन लड़-झगड़कर क्षेत्र के लिए कुछ हद तक विकास निधि प्राप्त करने में सफलता हासिल हुई है किंतु यह निधि प्रभाग के जनता की केवल मूलभूत सेवा-सुविधाओं पर ही खर्च हो गई।
पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम या फिर भाजपा पूर्व पार्षदों के प्रभागों की तर्ज पर निधि नहीं मिलने के कारण पिछड़े वर्ग के मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक भवन, युवाओं के लिए खेल के मैदान, पढ़ाई के लिए ई-लाइब्ररी जैसी सुविधाएं चाहकर भी नहीं कर सकें।
इसी तरह से भाजपा के पूर्व पार्षदों को न केवल नागपुर मनपा बल्कि राज्य और केंद्र सरकार की ओर से प्रकल्प भी मिले हैं। उत्तर नागपुर के इस क्षेत्र को राज्य सरकार से भी निधि का आवंटन नहीं हुआ है। बहरहाल अब अगले 5 वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य और युवाओं, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास पर ध्यान दिया जाएगा।
बहुजन समाज पार्टी के चारों पूर्व पार्षदों की ओर से भले ही विकास का दावा किया जा रहा हो किंतु निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे प्रत्याशियों में से कांग्रेस के इरशाद शेख का मानना है कि पूरे प्रभाग में सेवा-सुविधाओं की स्थिति जर्जर हो चुकी है। कई इलाकों में 30 से 40 वर्ष पुरानी मल-जलवाहिनियां हैं। हर दूसरे दिन कहीं न कहीं सीवरेज लाइन फूटकर सड़कों पर गंदगी बहने का नजारा रहता है।
कांग्रेस की ओर से लगातार जोनल कार्यालय और मुख्यालय जाकर लोगों की समस्या के लिए निधि मांगी जाती है किंतु भाजपा की सत्ता वाली मनपा में एकतरफा निधि दी जा रही है। जोनल कार्यालय में यदि फाइल जाती है तो गुमा दी जाती है, जबकि मुख्यालय में निधि उपलब्ध नहीं होने का बहाना किया जाता है।
आलम यह है कि अंग्रेजी माध्यम स्कूल का निर्माण डेढ़ वर्ष से जारी है। अब तक पूरा नहीं हो पाया है। यहां स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को दूसरी ओर स्थानांतरित किया गया है। युवाओं के लिए खेल का अच्छा मैदान नहीं है। कई झोपड़पट्टीधारकों को मालिकी पट्टे नहीं मिले हैं। म्हाडा कॉलोनी निवासियों की रजिस्ट्री तक नहीं हो पाई है।
| जीतेने वाले प्रत्याशी | वोट | दूसरे नंबर के प्रत्याशी | वोट |
|---|---|---|---|
| जितेन्द्र घोडेस्वार | 7,413 | रवि वंजारी | 6,307 |
| वंदना चांदेकर | 8,099 | नसिराबानो अंसारी | 6,178 |
| वैशाली नारनवरे | 8,957 | हलीमा अशरफी | 6,417 |
| इब्राहिम मोहम्मद | 7,667 | असलम खान | 7,455 |
बसपा : जितेन्द्र घोडेस्वार, वंदना चांदेकर, वैशाली नारनवरे, इब्राहिम टेलर
कांग्रेस : इरशाद शेख, जलील अंसारी, कुंदा खोबरागडे, रजनीगंधा वाघमारे, तौफिक अनवर अंसारी, सकीना परवीन अंसारी, दिनेश साधनकर
उत्तर नागपुर जैसे पिछड़े इलाके के साथ निधि और विकास को लेकर हमेशा से ही भेदभाव हुआ है। 15 वर्षों से मनपा की सत्ता पर भाजपा का राज होने के कारण इसका सीधा असर इस क्षेत्र के विकास पर पड़ा है। यहां तक कि सीमेंट रोड प्रकल्पों में भी इस क्षेत्र के साथ भेदभाव किया गया।
भाजपा के पूर्व पार्षदों की तुलना में केवल 10 प्रतिशत सीमेंट रोड के काम यहां किए गए। इस स्थिति में केवल विधायक के भरोसे यहां का विकास हो पाया है।
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विधायक नितिन राऊत से निधि लाकर कार्यकर्ताओं ने कई विकास कार्यों को अंजाम दिया। हालांकि इस प्रभाग में दूसरे नंबर पर मुस्लिम लीग का कब्जा रहा है किंतु कांग्रेस भी उसी के बराबरी के वोट लेकर तीसरे नंबर पर रही है।
मुस्लिम लीग के असलम खान को छोड़ दिया जाए तो क्षेत्र के लोगों की समस्या के प्रति अन्य तीनों प्रत्याशी सजग नहीं रहे हैं, जबकि तीसरे नंबर पर रहने के बाद भी यहां पर कांग्रेस और विशेष रूप से युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता सक्रिय दिखाई दिए।
प्रभाग में गत कुछ चुनावों को देखा जाए तो यहां पर चौरंगी लडाई का नजारा है। कांटे की टक्कर का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रभाग की चारों सीट पर भले ही जीतने वाले और निकटतम प्रतिद्वंद्वी के बीच 800 से 1,000 वोटों का अंतर हो किंतु जीतने वाले प्रत्याशी के अलावा मुस्लिम लीग, कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशियों को बराबरी के वोट मिले हैं।
उदाहरण के तौर पर यदि देखा जाए तो प्रभाग 6अ में दूसरे नंबर पर रहे मुस्लिम लीग के प्रत्याशी को 6,307 वोट मिले थे, जबकि तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के धरम पाटिल को 6,198 वोट प्राप्त हुए थे। यहां तक कि चौथे नंबर पर रहे भाजपा के प्रत्याशी को 5,695 वोट मिले थे। इसी तरह की स्थिति प्रभाग की चारों सीट पर थी। यही कारण है कि यहां का चुनाव दिलचस्प होने की संभावना जताई जा रही है।